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कोटद्वार । विकास खण्ड मुख्यालय द्वारीखाल में आयोजित वन अग्नि सुरक्षा गोष्ठी का उद्घाटन प्रमुख महेन्द्र सिंह राणा एवं अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। गोष्ठी में रेंजर अधिकारी चेलुसैन इंद्रमोहन कोठरी ने अपने सम्बोधन में गोष्ठी के आयोजन के बारे में जानकारी दी कि हम किस प्रकार से वनों को आग से बचा सकते है इसके लिए सभी के सहयोग की आवश्यता है। प्रमुख महेन्द्र राणा ने गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किए कि हमें जैव विविधता पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। जब जल, जमीन, जंगल रहेगे तभी हम रहेगेे, तभी हमारे जंगली जानवर भी रहेगे।
हमें वनों से कई प्रकार के लाभ मिलते है चारा पत्ती, जलाउ लकड़ी, इमारती लकड़ी, फल, फूल, वनस्पति कई प्रकार की औषधि युक्त पेड़ पौधे मिलते हैं । पेडो से हमें आक्सीजन मिलती है, बैठने के लिए छायादार वृक्ष आदि कई प्रकार के लाभ मिलते है। हमें पर्यावरण की सुरक्षा हेतु अपने वनों की रक्षा करनी चाहिए। पेड़ पौधो से हमें पानी भी मिलता है, जहॉ पर बॉज, देवदार याने चौडी पत्ती के पेड़ पौधे होगें वहां पर उनसे हमारे पानी के श्रोत रीचार्ज होते है। हमें पेड़ पौधोे की रक्षा करनी चाहिए । चिपको आन्दोलन की नेता गौरा देवी ने पेड़ से चिपककर पेडो को कटने से बचाया था । वनों में आग लगने से कई प्रकार के नुकसान होते है जैसे पेड़ पौधे, पक्षियों के अण्डे, बच्चे, जंगली जानवर आग एवं धुएं के कारण मर जाते है एवं दूषित धुएं से पर्यावरण में गर्मी ओर बढ़ जाती है । उन्होंने समस्त लोगों से अनुरोध किया कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में सहयोग करे ।