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- अमृत सरोवर, ग्रोथ सेंटर और मनरेगा कार्यों की समीक्षा, लक्ष्य प्राप्ति पर जोर
- प्रधानमंत्री आवास, ग्रामोत्थान व मनरेगा की प्रगति पर चर्चा, गुणवत्तापूर्ण कार्य की हिदायत
पौड़ी : मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने विकास भवन सभागार में विकास विभाग के कार्यों की मासिक बैठक की समीक्षा की। समूचे विकासखण्ड के विकास को लेकर कोई ठोस रुपरेखा/प्रस्ताव तैयार नहीं करने, अमृत सरोवरों, यूएसआरएलएम के तहत बनाये गये ग्रोथ सेन्टरों, क्लस्टरों की खराब स्थिति पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी। उन्होंने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि वे अधिक से अधिक क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं व कार्यो को गति प्रदान करना सुनिश्चित करें।
उत्तराखण्ड स्टेट रुरल लाइवलीहुड मिशन (यूएसआरएलएम) के तहत कैश क्रेडिट लिमिट(सीसीएल) की पहली तिमाही में एप्लीकेशन सबमिशन में 39.97 प्रतिशत, सीसीएल सेन्शन में 52.51 प्रतिशत व डिस्बसमेंट में 44.75 प्रतिशत की प्रगति पर मुख्य विकास नाराजगी जताते हुए प्रगति लाने के निर्देश दिये। सीएलएफ इन्टरनल ऑडिट के निर्धारित लक्ष्य 85 के सापेक्ष पहली तिमाही में 47 प्रतिशत व सावधिक लेखापरीक्षा 79 के लक्ष्य के सापेक्ष 10 प्रतिशत की प्रगति को प्राथमिकता के आधार पर बढ़ाने के निर्देश दिये। मॉडल क्लस्टर लेवल फेडरेशन के बिजनेस डेवलपमेंट प्लान के निर्धारित 27 के लक्ष्य के सापेक्ष 8 की प्रगति पर मुख्य विकास अधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों को नियमित रुप से मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये हैं।
ग्रोथ सेंटर व सरस केंद्र की समीक्षा के दौरान बताया गया कि नवदुर्गा समूह द्वारा चलाये जा रहे दुगड्डा के मसाले व अचार विक्रय सम्बंधी समृद्धि ग्रोथ सेंटर द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में 19441 रु का व्यापार, थलीसैण में प्रेरण आजीविका समूह द्वारा चलाये जा रहे घी ग्रोथ सेंटर द्वारा केवल 2750 रु का व्यापार पर खण्ड विकास अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि विकासखण्डों के अन्तर्गत संचालित विभिन्न गतिविधियों पर ध्यान न दिया जाना चिंता का विषय है, उन्होने चेताया कि आगामी बैठक तक प्रगति नहीं लाने पर आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। चालू वित्तीय वर्ष में चारधाम यात्रा मार्गो व अन्य स्थानों पर लगयो गये कुल 15 स्टॉलों के माध्यम से समूहों को 77238 रु का हीं लाभ हो पाया है। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि खण्ड विकास अधिकारियों को प्रत्येक पहलू पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अन्तर्गत आवास प्लस 2024 सर्वे के द्वारा पत्र लाभार्थियों का सर्वेक्षण एवं पंजीकरण कार्य की अवधि 31 मई 2025 तक 1166 ग्राम पंचायतों में 1610 सेल्फ सर्वे व 10609 असिस्टेड सर्वे के साथ कुल 12219 सर्वे पंजीकृत किये गये हैं। सर्वे में थलीसैण, कल्जीखाल व नैनीडाण्डा की तुलना में अन्य विकासखण्डों में सर्वे पंजीकरण की कम संख्या पर मुख्य विकास अधिकारी ने आंकड़ों का पुर्नपरीक्षण करने के निर्देश दिये है।
ग्रामोत्थान परियोजना (रीप) की समीक्षा के दौरान बताया गया कि फार्म अधारित व्यक्तिगत उद्यम गतिविधि के तहत मदर यूनिट-बैकयार्ड पोल्ट्री में 15 का लक्ष्य, बैकयार्ड मुर्गी पालन में 20, बकरी पालन 18, मधुमक्की पालन 15, अन्य इन्टरप्राइजेज में 180 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ग्रामोत्थान परियोजना के तहत कृषि अधारित सीबीओ लेवल इंटरप्राइजेज में 38, गैर कृषि अधारित सीबीओ लेवल इंटरप्राइजेज में 73 जबकि चालू वित्तीय वर्ष में फेडरेशनों हेतु 40 कलैक्शन सेंटरों का निर्माण किया जना प्रस्तावित है। मुख्य विकास अधिकारी ने सम्बंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्यो में तेजी लाना सुनिश्चित करें।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक मनरेगा में रोजगार सृजन में 42.23 प्रतिशत के साथ छठवें स्थान पर है। मनरेगा में रोजगार सृजन के वार्षिक लक्ष्य 1511290 के सापेक्ष माह जून 2025 तक 130967 की उपलब्धि हासिल की है। रोजगार सृजन करने में धीमी प्रगति पर बीरोंखाल, पोखड़ा, थलीसैण, द्वरीखाल, नैनीडाण्डा, एकेश्वर व रिखणीखाल के खण्ड विकास अधिकारियों को सख़्त हिदायत देते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने तेजी लाने के निर्देश दिये है। प्रदेश में जनपद वर्क कम्पलीशन में 92.57 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर है। आधार ऑथेन्टीकेशन एबीपीएस में जनपद 106 लम्बित प्रकरणों के साथ प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। मुख्य विकास अधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि एबीपीएस हेतु लम्बित सभी श्रमिकों के आधार प्रमाणीकरण की कार्यवाही प्रथमिकता के अधार पर करवाना सुनिश्चत करें। इसके अलावा व्यक्तिगत भूमि पर कराये जाने वाले कार्यों में 37.38 प्रतिशत के साथ जनपद प्रदेश में सातवें स्थान पर है। जनपद की कुल 1173 ग्राम पंचायतों में से 372 ग्रामपंचायतें ऐसी है जहां अबतक एक भी मानव दिवसों का सृजन नहीं हो पाया है। मुख्य विकास अधिकारी ने इसे गम्भीरता से लेते हुए खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये। साथ ही सभी ग्रामपंचायतों में मानव दिवस सृजन में प्रगति नहीं लाने वाले खण्ड विकास अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये हैं। उन्होने स्पष्ट किया कि कार्यो में किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिए सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी को वार्षिक प्रतिकूल प्रविष्टि दी जायेगी। U उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत कृषि आधारित कार्यो में 80.08 प्रतिशत के साथ प्रदेश में पांचवें स्थान पर है।
बैठक में जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर ने बताया कि पहले चरण में सभी 15 विकासखण्डों मे कुल 139 अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया था, जिसमें से 02 अमृत सरोवर आपदा क्षतिग्रस्त हैं, जबकि 25 अमृत सरोवरों को मत्स्य पालन हेतु, 06 को कृषि व उद्यान सम्बंधी सिंचाई गतिविधियों हेतु जबकि 01 अमृत सरोवर को पर्यटन सम्बंधी गतिविधियों हेतु प्रयोग में लाया जायेगा। मनरेगा के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में कन्वर्जेन्स से 321 ग्राम पंचायतों में लगभग 25 करोड़ 07 लाख केे 348 कार्य प्रस्तावित है।
विधायक निधि के कार्यों की विकासखण्डवार समीक्षा के दौरान जिला विकास अधिकारी ने बताया कि 09 जून 2025 तक 11 करोड़ 17 लाख की स्वीकृत धनराशि से लगभग 11 करोड की धनराशि से 804 कार्य गतिमान है। मुख्य विकास अधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्यो को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समयावधि के भीतर पूरा करवाना सुनिश्चित करें। बैठक में परियोजना निदेशके डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय सहित खण्ड विकास अधिकारी, बीएमएम सहित विकास विभाग के अन्य अधिकारी/कर्मचारी भी उपस्थित थे।