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ऋषिकेश : पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, ऋषिकेश में देव भूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत चल रहे उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने बिजनेस प्लान को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को नवाचार आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देना और स्थानीय पहाड़ी उत्पादों को व्यावसायिक स्तर पर विकसित करने के लिए प्रेरित करना था। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अपने बिजनेस प्लान को विस्तार से समझाया और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों को उजागर किया।
कार्यशाला के दौरान 10 से अधिक छात्र-छात्राओं ने विभिन्न बिजनेस प्लान प्रस्तुत किए, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल किये
- मेरु घर होमस्टे बिजनेस प्लान: पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय संस्कृति के अनुभव को शामिल करने वाला एक अभिनव होमस्टे मॉडल।
- कसेरा हर्बल टी और हर्बल शैंपू निर्माण का बिजनेस मॉडल: जैविक और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के उपयोग से स्वास्थ्यवर्धक हर्बल उत्पादों का निर्माण।
- वेद मंत्र धूप: उच्च पर्वतीय भागों की विशिष्ट वनस्पतियों से तैयार की जाने वाली सुगंधित और आध्यात्मिक धूपबत्ती, जो पर्यावरण अनुकूल होगी।
- होममेड बेकरी उत्पादों का बिजनेस प्लान: जैविक और पारंपरिक अनाज से निर्मित बेकरी उत्पादों को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने का प्रयास।
- पौष्टिक बिहारी सत्तू का व्यवसायिक उत्पादन: पहाड़ी क्षेत्रों में उपलब्ध पारंपरिक अनाजों से निर्मित प्रोटीनयुक्त सत्तू उत्पाद का व्यावसायीकरण।
इन सभी योजनाओं का उद्देश्य पारंपरिक पहाड़ी उत्पादों को परिष्कृत कर उनका व्यावसायिक रूप से उपयोग बढ़ाना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना था। इस कार्यशाला में देवभूमि उद्यमिता योजना के विशेषज्ञ त्रिलोक नारायण और शशि भूषण बहुगुणा ने छात्र-छात्राओं को उनके बिजनेस प्लान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने MSME (Micro, Small & Medium Enterprises) रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जानकारी दी और व्यापार को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को बताया कि किस प्रकार एक स्टार्टअप को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकता है, जैसे:
- स्टार्टअप इंडिया योजना
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
- सीड फंड स्कीम
- NSIC (National Small Industries Corporation) योजनाएँ
कार्यक्रम में नोडल उद्यमिता योजना की प्रोफेसर अनीता तोमर ने छात्रों को प्रेरित करते हुए उनके नवाचार को और अधिक परिष्कृत करने के लिए सुझाव दिए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर स्वरोजगार को बढ़ावा देना है । उन्होंने प्रेजेंटेशन स्किल्स को बेहतर बनाने, निवेशकों को आकर्षित करने और मार्केट रिसर्च पर ध्यान देने के महत्व को भी समझाया। इस कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को न केवल उद्यमिता के सिद्धांतों की जानकारी मिली, बल्कि उन्हें अपने बिजनेस आइडियाज को वास्तविकता में बदलने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ।
साथ ही, देव भूमि उद्यमिता योजना के मेंटर प्रोफेसर धर्मेंद्र तिवारी, प्रोफेसर अंजनी प्रसाद दुबे और डॉ. शालिनी रावत ने भी छात्रों को अपने बिजनेस मॉडल को और अधिक व्यावसायिक रूप देने के लिए मार्गदर्शन दिया।समापन सत्र में सभी छात्र-छात्राओं को अपने उत्पादों और बिजनेस प्लान को स्टॉल्स में प्रदर्शित करने के लिए तैयार रहने को कहा गया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से वे अपने आइडियाज को व्यापक स्तर पर प्रस्तुत करने और संभावित निवेशकों तथा ग्राहकों के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त करेंगे।