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ऋषिकेश : श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश में आयोजित देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत दो दिवसीय बूट कैंप का 19 सितंबर को भव्य समापन हुआ। उत्तराखंड सरकार और भारतीय उद्यमिता संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से संचालित इस अभिनव कार्यक्रम ने युवा मनों में उद्यमिता के बीज रोपे।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण, देवभूमि उद्यमिता योजना के प्रोजेक्ट अधिकारी डॉ. सुमित कुमार और प्रोजेक्ट मैनेजर रातुला दास ने अपने गहन अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए छात्र-छात्राओं को स्वयं का स्टार्टअप शुरू करने के लिए विभिन्न गतिविधियों द्वारा प्रेरित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को नवोन्मेषी विचारों की प्रस्तुतीकरण और उनको मूर्त रूप देने की कला सिखाई और उद्यमिता के पथ पर आने वाली चुनौतियों से निपटने के गुर मंत्र दिए। डॉ. सुमित कुमार ने विशेष रूप से विद्यार्थियों को अपने उद्यम को वास्तविकता में बदलने के लिए मार्गदर्शन दिया और कई अहम सुझाव साझा किए। उन्होंने बिजनेस मॉडल कैनवास और वैल्यू एडेड कैनवास जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए युवाओं के विचारों को परखा और उन्हें एक ठोस व्यावसायिक रणनीति तैयार करने में मार्गदर्शन किया। उन्होंने देवभूमि उद्यमिता केंद्र द्वारा नवोदित उद्यमियों को हर संभव सहायता का आश्वासन देकर उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया।
परिसर के निदेशक प्रोफेसर महावीर सिंह रावत ने अपने प्रेरणादायक अध्यक्षीय भाषण में देवभूमि उद्यमिता योजना को छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने इस योजना को रोजगार सृजन और आर्थिक विकास का एक शक्तिशाली माध्यम बताया। वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रोफेसर कंचन लता सिन्हा ने उद्यमिता को शिक्षा का अभिन्न अंग बताते हुए इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उद्यमिता न केवल व्यक्तिगत विकास का मार्ग है, बल्कि समाज और राष्ट्र के समग्र विकास का भी एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय की छात्रा मान्या राजपाल को सम्मानित किया गया। मान्या ने हाल ही में उत्तराखंड देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत 75,000 रुपये की प्रतिष्ठित सीड मनी प्राप्त की है, जो उनके उद्यमिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान का प्रमाण है। समापन समारोह में पूर्व वर्ष के प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए । इस अवसर पर परिसर के 208 से अधिक छात्र-छात्राओं ने देवभूमि उद्यमिता योजना में अपना पंजीकरण कराया है। लगभग 30 नवीन और प्रगतिशील व्यावसायिक विचार प्रस्तुत किए गए, जो उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप थे।
इस अवसर उद्यमिता और इनक्यूबेशन उत्कृष्टता केंद्र की निदेशक प्रोफेसर अनीता तोमर, ने इस बूट कैंप को विद्यार्थियों के लिए एक मील का पत्थर बताया। यह कार्यक्रम न केवल ज्ञान और संसाधन प्रदान करता है, बल्कि युवाओं में आत्मनिर्भरता और साहस का संचार भी करता है। हर महान उद्यम एक छोटे से विचार से ही प्रारंभ होता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्यमिता की दिशा में प्रेरित करना और उन्हें अपने स्टार्टअप की शुरुआत के लिए आवश्यक कौशल और जानकारी प्रदान करना था।उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी सलाह दी कि उद्यमिता में सफल होने के लिए ज्ञान के साथ-साथ साहस और निरंतर सीखने की जिज्ञासा भी आवश्यक है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एन.के. जोशी ने इस बूट कैंप को युवाओं के लिए एक अमूल्य अवसर बताया और इसे भविष्य में और अधिक व्यापक स्तर पर आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की। कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रोफेसर अंजनी प्रसाद दुबे ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शालिनी रावत ने दिया। इस अवसर पर डॉ. पवन, संजीव सैनी सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम को एक यादगार अनुभव बनाया। इस प्रकार, यह दो दिवसीय बूट कैंप युवाओं में उद्यमिता की लौ प्रज्वलित करते हुए सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जो निश्चित रूप से उत्तराखंड के आर्थिक परिदृश्य को बदलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।