देहरादून : कोविड काल में सेवाएं देने वाले कार्मिकों को पुनः राज्य के मेडिकल कॉलेजों एवं सरकारी अस्पतालों में रिक्त पदों के सापेक्ष आउटसोर्स के माध्यम से तैनाती दी जायेगी। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में एसीएमओ से लेकर निदेशक स्तर के रिक्त पदों की शीघ्र डीपीसी कराने को कहा गया है ताकि जिला एवं महानिदेशक स्तर पर लम्बे समय से रिक्त चल रहे विभागीय अधिकारियों के पदों को भरा सके।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड काल में सेवाएं देने वाले कार्मिकों को पुनः राज्य के विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं सरकारी अस्पतालों में रिक्त पदों के सापेक्ष आउटसोर्स के माध्यम से तैनाती के निर्देश दिये।
डॉ. रावत ने बताया कि कोविड काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी में अस्थाई रूप से तैनात कार्मिकों को 31 मार्च 2022 को हटा दिया गया था, जिसके उपरांत हजारों कार्मिक बेरोजगार हो गये थे। राज्य सरकार ने विषम परिस्थितियों में कोविड काल में अपनी सेवाएं देने वाले ऐसे कार्मिकों को पुनः आउटसोर्स के माध्यम से रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती का निर्णय लिया है।
इस संबंध में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं राजकीय चिकित्सालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष हटाये गये कार्मिकों को उनकी योग्यता के अनुसार पुनः तैनाती दी जाय।
इस बावत गत 23 मई 2022 को शासन स्तर से शासनादेश भी कर दिया गया था जिसमें सूबे के मेडिकल कॉलेजों में रिक्त पदों के सापेक्ष हटाये गये कार्मिकों को रखने के निर्देश दिये गये। इसी क्रम में आज एक और शासनादेश जारी किया गया है जिसमें महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष बाहर किये गये कार्मिकों को आउटसोर्स के माध्यम से रखने के निर्देश दिये गये हैं।
समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में लम्बे समय से रिक्त चल रहे एसीएमओ से लेकर निदेशक स्तर के पदों पर शीघ्र डीपीसी करने निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने बताया कि डीपीसी के बाद जिला स्तर पर एसीएमओ की तैनाती से काफी राहत मिलेगी साथ ही महानिदेशक स्तर पर भी विभागीय कार्यां को गति मिलेगी।