देहरादून : एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड तथा समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड के समन्वयन में एस.सी.ई.आर.टी. में राज्य स्तरीय निपुण विद्यार्थी प्रतियोगिता आयोजित की गयी। राजकीय प्राथमिक विद्यालय पटलगाँव, अल्मोड़ा के तथागत जोशी ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय कपकोट के गौरव सिंह तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालय डीडीहाट के कु. शिवाली नेगी तृतीय स्थान पर रहे।
निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 03 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं हेतु ‘निपुण विद्यार्थी प्रतियोगिता 2024-25’ आयोजित की गयी। राज्य स्तर पर इस प्रतियोगिता का आयोजन एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड, ननूरखेड़ा, देहरादून में हुआ। प्रतियोगिता हेतु राज्य स्तर पर विषय विशेषज्ञों के द्वारा प्रश्नपत्र एवं गतिविधियाँ तैयार की गयी।
प्रतियोगिता में राज्य के प्रत्येक जनपद से निपुण विद्यार्थी प्रतियोगिता 2024-25 में जनपद स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इन छात्र-छात्राओं के साथ उनके विद्यालय से एक गाइड शिक्षक तथा अभिभावकों ने भी प्रतिभाग किया। राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को डी.बी.टी. के माध्यम से क्रमशः रू. 15 हजार, 10 हजार एवं 5 हजार की धनराशि पुरस्कार के रूप में उनके खाते में जमा की जायेगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों में नैतिक शिक्षा का विकास करना आवश्यक है। घर में बड़े बुजुर्गों के द्वारा उन्हें नैतिक शिक्षा से सम्बन्धित कहानियाँ सुनायी जानी चाहिये। इस हेतु पंचतन्त्र की कहानियाँ पाठ्यक्रम में शामिल की जानी चाहिये। उन्होंने निपुण भारत के उद्देश्यों पर चर्चा की तथा इसकी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने विद्यार्थियों में शिक्षकों से तनाव प्रबंधन पर बल देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षक परिश्रम के साथ कार्य कर रहे हैं और बच्चों का भविष्य शिक्षकों के सुरक्षित हाथों में है और उनका कर्तव्य है कि उन्हें देश का जिम्मेदार नागरिक बनायें।
अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड प्रदीप कुमार रावत ने कहा कि उन्होंने गूगल मीट के माध्यम से निपुण विद्यालयों के शिक्षकों से बच्चों की प्रगति के बारे में सम्पर्क किया और पाया कि निपुण भारत मिशन के एफ.एल.एन. के अन्तर्गत बच्चे भाषा एवं गणितीय ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि एफ.एल.एन. का वास्तविक लाभ बच्चों तक पहुंचना आवश्यक है।
अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य के शिक्षकों एवं अन्य हितधारकों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि निपुण भारत के अन्तर्गत आयोजित की जाने वाली सभी गतिविधियों को ससमय पूरा करना आवश्यक है। आगामी वर्षों से यह प्रतियोगिता वृहद स्तर पर आयोजित किये जाने हेतु योजना तैयार की गयी है। सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण ने कहा कि यह कार्यक्रम संकुल स्तर से राज्य स्तर तक आयोजित किया गया है। प्रतियोगिता में भाषा एवं गणितीय कौशलों पर आकलन किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला, समन्वयक एफ.एल.एन., एस.सी.ई.आर.टी. ने किया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विभाग की सहयोगी संस्था रूम टु रीड, अजीम प्रेम जी फाउण्डेशन, सम्पर्क फाउण्डेशन आदि ने सक्रिय प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में ज्यूरी के रूप में योगेन्द्र सिंह नेगी, रीना डोभाल, संगीता फरासी, दीक्षिता कौर तथा अमित उपस्थित थे। प्रतियोगिता में अल्मोड़ा से तथागत जोशी, चम्पावत से दीक्षा भट्ट, चमोली से कार्तिक मिश्रा, बागेश्वर से गौरव सिंह, देहरादून से गरिमा अरोड़ा, हरिद्वार से कृष्णा, नैनीताल से हर्षवर्धन सिंह, पौड़ी से आदित्य, पिथौरागढ़ से शिवाली नेगी, रुद्रप्रयाग से सिद्धार्थ उनियाल, टिहरी से संजय सिंह, उधमसिंहनगर से दनिका तिवारी तथा उत्तरकाशी से कु. सिद्धिका द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के संचालन में शुभ्रा सिंघल, प्रवक्ता, पुष्पा असवाल, डॉ. मनोज शुक्ला, डॉ. रमेश पन्त, डॉ. अजय कुमार चौरसिया तथा डॉ. शक्ति प्रसाद सिमल्टी ने सक्रिय प्रतिभागिता की। विजय प्रसाद सेमवाल तथा नीरज पाँथरी ने वित्तीय एवं कार्यालयी कार्यों में सहयोग किया।