विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने भारती देव एजुकेशन फाउंडेशन के श्री आदि शंकर विद्यालय का किया उद्घाटन

by intelliberindia
 
कोटद्वार : विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने कोटद्वार के झंडीचौड़ में भारती देव एजुकेशन फाउंडेशन के श्री आदि शंकर विद्यालय का उद्घाटन किया। कोटद्वार के झंडीचौड में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने रिबन काट कर भारती देव एजुकेशन फाउंडेशन के श्री आदि शंकर दिव्यांग विद्यालय का उद्घाटन किया। आपको बता दे की डेढ़ साल से विद्यालय कोटद्वार में ही किराए के कमरों पर चलता था परंतु आज संस्था ने अपना खुद के विद्यालय का उद्घाटन किया है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने दिव्यांग विद्यालय के लिए संस्था की सराहना करते हुए कहा की हमें दिव्यांग बच्चों के लिए समर्पित संसाधनों की आवश्यकता है, जिससे उन्हें समान अधिकार और अवसर मिल सकें। इस विद्यालय के माध्यम से संस्था ने इस समस्या का समाधान करने के लिए एक कदम उठाया है जो इस समाज के समर्थन का प्रतीक है। हमें इसे अपनी जिम्मेदारी मानकर इसे बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने कहा की दिव्यांगो को भी शिक्षा का अधिकार होना चाहिए। शिक्षा के माध्यम से दिव्यांगो को स्वतंत्र बनाया जा सकता है, उन्हें आत्मविश्वास दिया जा सकता है और उन्हें अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करने में मदद मिल सकती है। शिक्षा के माध्यम से दिव्यांगो को उनके हक का ज्ञान होता है, जो उन्हें समाज में अधिक सक्रिय बनाता है।  शिक्षा के माध्यम से दिव्यांगो को उनके जीवन में बहुत सारी नई संभावनाएं मिलती हैं। उन्हें अपनी अनुभूतियों और क्षमताओं का पूरा उपयोग करने का मौका मिलता है। इसलिए, दिव्यांगो को शिक्षा का अधिकार देना बेहद आवश्यक है जो उन्हें उनके हक के साथ एक बेहतर जिंदगी जीने में मदद कर सकता है।
भारती देव फाउंडेशन के प्रबंधक कमलेश कुमार ने विद्यालय की जानकारी देते हुए बताया की दिव्यांग विद्यालय में अभी 32 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे।उन्होंने कहा की हमारे समाज में विकलांगता एक बड़ी समस्या है, लेकिन हम सबको यह समझना चाहिए कि विकलांगता केवल शारीरिक रूप से होने वाली असमंजस्यता नहीं है, बल्कि मानसिक रूप से भी हो सकती है  इसलिए हमे दिव्यांग लोगों को शिक्षा उनके सभी अधिकारों में से एक है। इस दौरान संस्था प्रबंधक  कमलेश कुमार, पार्षद सुखपाल शाह,पार्षद मनीष भट्ट, विरेंद्र भारद्वाज,रामेश्वरी देवी,गीता देवी, रिनी लखेड़ा,मेघा, हेमा जदली आदि मौजूद रहे।



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