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- उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति ने मानसून को लेकर जिलों की तैयारियों की समीक्षा की
- जरूरी संसाधनों को एलर्ट मोड पर रखने के निर्देश
देहरादून। आगामी मानसून सीजन को लेकर सोमवार को उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग श्री विनय रूहेला ने उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ ही विभिन्न जिलों की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सभी जिलों को मानसून सीजन के दौरान संभावित आपदाओं को लेकर सभी तैयारियों को चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए। इस दौरान बैठक में उपस्थित नहीं रहने पर उन्होंने ऊधमसिंह नगर जिले एडीएम से स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिलों को डाक्टरों, दवाइयों, फार्मासिस्टों, एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है, इसलिए सभी जनपद आम जनमानस को जागरूक करें। आपदा संबंधी एलर्ट और सूचनाओं का समय पर प्रचार-प्रसार जरूरी है, इसलिए सूचना प्रसारण तंत्र को सशक्त किया जाए। एलर्ट मिलते ही तुरंत वह लोगों तक पहुंचना चाहिए ताकि लोग सतर्क हो जाएं।
उन्होंने जिलों के कंट्रोल रूम में सभी जरूरी विभागों के नोडल अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम में जेसीबी, एंबुलेंस के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण नंबर होने चाहिए। उन्होंने सड़क कनेक्टिविटी बाधित होने पर पैदल मार्गों का निरीक्षण कर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ऊधमसिंह नगर के जसपुर और रुद्रपुर में जलभराव की समस्या के समाधान को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा की व स्थायी समाधान तलाशने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा प्रभावित पशुवंश को समय पर उचित उपचार मिले, इस दिशा में भी डाक्टरों तथा दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
उन्होंने सभी जिलों को नालों की सफाई के लिए एक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी संसाधनों को डाटाबेस उपलब्ध होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आपदा मित्रों का आपदा से निपटने में उपयोग बेहतर ढंग से किया जा सकता है। उन्होंन इस पर गंभीरता से कार्य करने को कहा।
यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि सेटेलाइट फोन की नियमित तौर पर टेस्टिंग की जाए ताकि आपदा के समय कोई दिक्कत न आए। उन्होंने संभावित आपदाओं को दृष्टिगत रखते हुए सभी जिलों से फूड पैकेट की व्यवस्था अभी से करने को कहा, ताकि यदि कोई क्षेत्र कटऑफ हो जाए तो प्रभावित लोगों को भोजन आदि की दिक्कत न हो।
इससे पहले अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन राजकुमार नेगी ने यूएसडीएमए की तैयारियों को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने प्रदेश भर में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही अन्य जरूरी संसाधनों की तैनाती के बारे में जानकारी दी। बैठक में यूएसडीएमए के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी ने बैठक में दिए गए निर्देशों पर तत्काल अमल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए सभी विभागों के बीच सामंजस्य होना जरूरी है।
यूएलएमएमसी की डॉ. रुचिका टंडन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से भूस्खलन न्यूनीकरण को लेकर उनके केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में 132 भूस्खलन के हॉटस्पाट चिन्हित किए गए हैं, जो बहुत अधिक संवेदनशील हैं। बैठक में वर्ल्ड बैंक के प्रोजेक्ट यूप्रीपेयर के अतिरिक्त परियोजना निदेशक एसके बिरला ने अपने प्रोजेक्ट के तहत संचालित कार्यों पर प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में यूएसडीएमए के विशेषज्ञ डीडी डालाकोटी, तंद्रीला सरकार, डॉ. पूजा राणा, वेदिका पंत, हेमंत बिष्ट, जेसिका टेरोन, मनीष भगत आदि मौजूद थे।