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ऋषिकेश : पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग में स्तन कैंसर विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के हिमालयन मेडिकल इंस्टिट्यूट की डॉ. विदिशा वल्लभ द्वारा बताया गया कि कैंसर कितने प्रकार के होते है और किस वजह से हो सकते है, उसके रोकथाम एवं उपचार के बारे में बताया गया। जैसे कि जंक फूड, खाने पीने का ऐसा सामान जो स्वाथ्य के लिए हानिकारक होता है, धूम्रपान, शराब का सेवन, बेवजह दवाइयां ना खाए, शारीरिक गतिविधि सही रखनी चाहिए साथ ही उन्होंने बताया की स्तन कैंसर का कैसे पता लगाया जा सकता है जैसे किसी के स्तन के नज़दीक ज्यादा दर्द होना या कोई गांठ दिखने लगना या महसूस होना, स्तन का आकार बदल जाना या सूजन रहना, इन सभी की सही जागरूकता होने पर हम स्तन कैंसर लक्षणों का पता कर सकते हैं।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की डॉ. अवनी गुप्ता द्वारा वीडियो के माध्यम से स्तन कैंसर स्वयं जॉच के उपाय बच्चों तक पहुंचाए जिससे छात्राओं ने बारीकी से सीखा और समझा। इसके पश्चात प्रतिभागी छात्राओं ने उक्त विशेषज्ञों से अपने मन में उत्पन्न हो रहे प्रश्नों को पूछा जिसका सहज रूप से दोनों संकाय सदस्यों ने जवाब दिया।
इस कार्यक्रम में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के समन्यवक प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी विशेषज्ञों का स्वागत किया एवं कहा कि ये बहुत ही गंभीर विषय है इस पर चर्चा होनी बहुत जरूरी है। स्तन कैंसर के कारण विश्वभर में 2023 तक 670,000 लोगों की मौत हुई है और यह महिलाओं में सबसे आम कैंसर है। स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके इलाज के लिए काम करने वाली अनेको संस्थाएं हैं, जैसे कि सुसान जी कोमेन ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन जो किस क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रही है।
ऋषिकेश परिसर के निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत ने कहा कि कैंसर जैसी घातक बीमारियों से बचने के लिए जागरूकता ही एकमात्र तरीका है जिससे बचा जा सकता है उनमें से स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला एक प्रकार का कैंसर है, इसके इलाज के लिए नए तरीके और दवाएं हमारे वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की जा रही हैं, इसलिए हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी होती है कि अपने आसपास सभी लोगों को इसके इस कैंसर के प्रति जागरूक करें । मौके पर अमन शर्मा (हिमालयन इंस्टिट्यूट) से व शालिनी कोठियाल, अर्जुन पालीवाल एवं डॉ. बिंदु व एमएलटी और एमएससी माइक्रोबायोलॉजी के 100 विद्यार्थी उपस्थित रहें।