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कोटद्वार। दुगड्डा ब्लाक के अंतर्गत आमसौड़ आपदा प्रभावितों ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का उपचार न करने पर रोष व्यक्त करते हुए सोमवार को आक्रोश रैली निकाली और शासन प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के खिलाफ उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया । रोष रैली शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई तहसील पहुंची। तहसील पहुंचकर रैली सभा में तब्दील हो गई। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आमसौड़ कस्बा पिछले साल से आपदा की मार झेल रहा है। पिछले वर्ष भी 23 अगस्त को भारी बारिश के कारण गांव के ऊपर स्थित पहाड़ी से भूस्खलन हुआ था और उस समय भी ग्रामीणों को नुकसान उठाना पड़ा था। इस वर्ष भी 6 जुलाई और 23 अगस्त को भीषण बारिश से भी ग्रामीणों का बहुत नुकसान हुआ और उन्हें अन्यत्र शरण लेनी पड़ी। वर्तमान में गांव से कई परिवार पलायन कर चुके हैं और कई परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने पर मजबूर हैं।
कहा कि पूर्व में ही ग्रामीणों की ओर से शासन प्रशासन को आपदा के संबंध में अवगत करा दिया गया था, लेकिन शासन की ओर से केवल मौका मुआयना किया गया। ग्रामीणों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पिछले वर्ष ही आपदाग्रस्त क्षेत्र का तकनीकी रूप से उपचार किया जाता तो स्थित इतनी भयावही नहीं होती। गांव का जनमानस अपने जानमाल के प्रति चिंतित है और पलायन पर मजबूर है। कहा कि आपदा के कारण बसे बसाए गांव का अस्तित्व ही संकट में आ गया है, वहीं सरकारी मशीनरी आपदाग्रस्त क्षेत्र का उपचार करने में ढिलाई दिखा रही हैं। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से आपदाग्रस्त क्षेत्र का ठोस व तकनीकी रूप से उपचार करने की मांग की गई है और ऐसा न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में गणेश जुयाल, शकुंतला देवी, कमला देवी, देवेश्वरी देवी, राजेंद्र सिंह, संजय सिंह, विनोद कुमार, मनोज कुमार, किरन देवी, बबीता देवी और सीता देवी सहित अन्य ग्रामीण शामिल रहे।