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- शासन द्वारा नर्सिंग पाठ्यक्रम में सत्र 2023-24 के लिये दिए गये अनापति प्राप्त सभी शिक्षण संस्थाओं को छात्र हित में उसी वर्ष से मान्यता देने के लिये विश्वविद्यालय और नर्सिंग काउन्सिल को किया निर्देशित।
- 20 से अधिक नर्सिंग कॉलेजों के सेकड़ों छात्र छात्राओं को मिली राहत।
- प्राभुत राशि को 35 लाख से कम करके 3 से 5 लाख तक करने पर बनी आम सहमति जिससे प्रदेश में राज्य विश्विद्यालय से सम्बद्ध 500 से अधिक निजी शिक्षण संस्थाओं को मिलेगा लाभ।
- निजी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों की एसोसिएशन ने मंत्री का जताया आभार।
देहरादून : विधानसभा में उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षाता में 50 से अधिक निजी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों के चेयरमैन, निदेशक एवं प्रतिनिधियों की एक महत्पूर्ण बैठक हुई। उक्त बैठक में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना, संयुक्त निदेशक एसके बंधु, नर्सिंग कौंसिल की रजिस्ट्रार मनीषा ध्यानी द्वारा कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के सामने प्रदेश में संचालित निजी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों के बारे में विस्तार से चर्चा की। निजी कॉलेजों के संगठन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट पैरामेडिकल एंड नर्सिंग इंस्टिट्यूशन उत्तराखण्ड के महासचिव एडवोकेट ललित जोशी द्वारा सभी निजी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों की समस्यायों के निवारण हेतु संगठन द्वारा दिए गये सुझाओं को बिंदुवार मीटिंग में सभी के सामने प्रस्तुत किया। लगभग सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं का त्वरित निराकरण करते हुये विभागीय मंत्री द्वारा निदेशक चिकित्सा शिक्षा, रजिस्ट्रार नर्सिंग काउन्सिल और विश्व विद्यालय के अधिकारीयों को एसोसिएशन द्वारा दी गये सभी सुझाओं को त्वरित रूप से आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया।
विभागीय मंत्री ने सभी कॉलेजों को नर्सिंग एवं पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में गुणवत्ता बनाने के लिये भी निर्देशित किया। इसी क्रम में जिन सस्थाओं को सत्र 2023-24 के लिये शासन द्वारा अनापति दी गयी है उन संस्थानों में अध्यनरत छात्र छात्राओं के हित को देखते हुये उसी सत्र से मान्यता देने के लिये नर्सिंग रजिस्ट्रार और विश्वविद्यालय को निर्देशित किया। तथा 14 दिसंबर 2016 को शासन के द्वारा निर्गत शासनादेश में प्रति पाठ्यक्रम 35 लाख प्राभुत राशि को अत्यधिक बताते हुये राजभवन एवं सचिव उच्च शिक्षा से पत्राचार करते हुये 5 लाख प्रति संस्थान करने को सहमति प्रदान की। कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा विश्वविद्यालय एवं पैरामेडिकल कौंसिल को यह निर्देशित किया कि किसी भी पाठ्यक्रम कि मान्यता कम से कम तीन वर्षो के लिये एक बार दी जाये। ललित जोशी ने कहा कि हर साल कॉलेजों के निरक्षण करने से निजी शिक्षण संस्थानों को समय से मान्यता ना मिलने से लाखों एसटी,एससी,ओबीसी बच्चों को छात्र वर्ती लेने से बंचित होना पड़ता है। जिसके लिये कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा सभी संबधित अधिकारियो को जल्द से जल्द उपरोक्त समस्यायों के निवारण करने के लिये निर्देशित किया।
बैठक में एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट कालेज के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष संदीप केडिया संरक्षक देवराज तोमर, उपाध्यक्ष किशोर शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव सिंह, सलाहकार अशोक पाल, सदस्य मनिंद्रा कोश्यारी, राजकुमार सिंह, अशोक छाबरा, हरीश अरोड़ा, अभिनव जैन, श्रीनिवास नौटियाल, सीएमआई हॉस्पिटल के चेयरमैन आर.के.जैन, मयंक सैनी, जितेन्द्र हनेरी, संजय शिंगवानी, संदीप चौधरी, सहित 50 से अधिक निजी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेजों के संचालक उपस्थित हुये।