गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण सचिव डॉ. सुरेन्द्र नारायण पांडे ने शनिवार को जनपद चमोली में कृषि से जुड़े सभी रेखीय विभागों के कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने सभी रेखीय विभागों को आपस में तालमेल बनाते हुए किसान हित में ठोस प्लानिंग के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
सचिव ने निर्देश दिए कि कृषकों के समृद्वीकरण एवं सशक्तिकरण के लिए सभी रेखीय विभाग मिलकर इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम के तहत योजनाओं का क्रियान्वयन करें। ताकि किसानों को अधिक से अधिक फायदा मिल सके। किसानों के हित को ध्यान में रखकर विभागीय योजनाएं तैयार की जाए। योजनाएं तैयार करते हुए उसकी आवश्यकता का मूल्यांकन अवश्य किया जाए। योजना के संचालन और रखरखाव के बारे में भी पहले से प्लानिंग रखी जाए। बडी योजनाओं के प्रोजेक्ट सीएम डेसबोर्ड पर अपलोड करें। ताकि शासन स्तर से किसान हित से जुड़ी योजनाओं की प्राथमिकता पर स्वीकृति के साथ क्रियान्वयन किया जा सके।
सचिव ने निर्देश दिए कि केंद्र पोषित, राज्य सेक्टर, जिला योजना और अन्य बाह्य सहायतित योजनाओं में प्रगति लाते हुए किसानों को लाभान्वित किया जाए। लाभान्वित किसानों की सूची सभी रेखीय विभाग आपस में शेयर करें। ताकि योजनाओं में डुप्लीकेशी न हो। सभी योजनाओं का मानकीकरण करते हुए हर योजना का स्पष्ट जिओ तैयार करें। सचिव ने कहा कि स्वरोजगार सृजन के लिए जिन योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है उनका मूल्यांकन भी किया जाए। स्वरोजगारपरक योजनाओं से कितने कृषकों एवं महिलाओं को रोजगार मिला है इसकी रिपोर्ट भी उपलब्ध करें।
सचिव ने निर्देश दिए कि निदेशालय से लेकर जिला स्तर तक विभागों के अधिकारी कार्यो का भौतिक सत्यापन करना सुनिश्चित करें। केन्द्र पोषित, राज्य सेक्टर एवं जिले स्तर से संचालित योजनाओं में प्रगति लाए। योजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता और समयबद्वता का भी विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री के सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मूल मंत्र के साथ योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए। बैठक में सचिव ने कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, रेशम, भेषज, जड़ी बूटी सहित सभी रेखीय विभागों की विस्तार से समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में गढ़वाल मंडल के संयुक्त निदेशक उद्यान रतन कुमार, संयुक्त निदेशक कृषि दिनेश कुमार, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. प्रलयंकर नाथ आदि मौजूद थे।