गोपेश्वर(चमोली)। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद देहरादून तथा ग्राम्य शिक्षण पर्यावरण संस्था डुमक द्वारा आयोजित 3 दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में जोशीमठ ब्लॉक प्रमुख हरीश परमार ने जनपद के विभिन्न गांव से एकत्रित हुए उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि सहभागिता के जरिए ही हम अपनी जीविका को व्यवसाय में बदलकर आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो सकते हैं। उरगम गांव में एकत्रित हुए उद्यमियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अपने परंपरागत व्यवसाय को विज्ञान एवं तकनीकी के जरिए ही हम आगे ले जा सकते हैं।
कार्यशाला में जय नंदा उत्थान समिति के सचिव प्रकाश रावत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं उद्यमिता को अलग नहीं किया जा सकता है। बेहतर भविष्य के लिए हमें पर्यावरण संरक्षण में ही उद्यमिता को खोजना होगा। ग्राम्य शिक्षण पर्यावरण संस्था के सचिव जीत सिंह ने बताया कि दुनिया सतत विकास के लिए पर्यावरण जन्य उद्योग धंधों का विकास करने के लिए आगे बढ़ रही है ऐसे में हम जैसे उद्यमियों की बड़ी भूमिका है। ऐसे उद्यम न सिर्फ हाथी विकास में कारगर है बल्कि क्लाइमेट चेंज की दौर में मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने मे मददगार है। हिमाद समिति के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने उद्यमिता के प्रबंधन में पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए उद्यमियों से अपील की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण ही आजीविका की सतत को सुनिश्चित करेगा।
ग्राम्य संस्था की अध्यक्ष प्रभा रावत ने उद्यमियों को विज्ञान एवं तकनीकी का प्रयोग कर उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। पोल्ट्री उद्यमी वीरेंद्र सिंह रावत ने व्यवसाय में नवीनता एवं रचनात्मकता लाने पर जोर दिया। इस अवसर पर चमोली जनपद की विभिन्न सामाजिक संगठनों वरिष्ठ समाजसेवी कार्यकर्ता बहादुर सिंह रावत को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में प्रधान अनूप नेगी, देवेंद्र सिंह, गोविंद सिंह, लीला देवी, अनीता देवी, पार्वती देवी, माहेश्वरी देवी, काजल रावत, दिनेश्वरी, रघुवीर सिंह सहित 40 उद्यमियों ने प्रतिभाग किया।