गोचर। गोचर के निकट सिरकोट और बांसकोट के जंगलों में पिछले दो दिनों से आग लगी हुई है, जिसमें लाखों की वन संपदा जलकर खाक हो गई है। जंगल की आग से सबसे ज्यादा नुकसान सिविल और वन पंचायत के जंगलों को हुआ है। यहाँ आग आरक्षित वन क्षेत्र तक जा पहुंची है। 20 से ज्यादा वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हुए हैं। शनिवार को लोडियागाड के सिविल वन से भड़की आग सरकोट के वन पंचायत क्षेत्र होते हुए गैंथी बीट के आरक्षित वन क्षेत्र बांसकोट तक जा पहुंची। रविवार को भी जंगल आग से धड़कते रहे।
वहीं दूसरी ओर रविवार सुबह बसंतपुर की ओर से जंगलों में सुलगी आग दुवा कांडा और शैल के ऊपर चीड़ के वनों तक फैल गई। जंगल के ऊपरी इलाकों को खाक करने के बाद आग अब शैल बसंतपुर और पॉलिटेक्निक के आसपास के निचले इलाकों की ओर बढ़ रही है। जंगलों में दो दिनों से भड़की इस आग से गैंथी बीट के दो हेक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र और करीब अन्य जगह 15 हेक्टेयर से अधिक सिविल एवं वन पंचायत क्षेत्र जलकर खाक हो गया है। रेंजर शिवानी डिमरी ने बताया कि वन अग्नि को बुझाने के लिए करीब 20 कर्मियों की टीम लगी है। साथ ही जंगलों में आग लगने वाले शरारती तत्वों की खोजबीन फायर वाचरों के माध्यम से की जा रही है।
गैरसैंण। उधर गैरसैंण में चीड़ के जंगलों में शनिवार को लगी आग रविवार को रोहिड़ा के आयुर्वेदिक अस्पताल और जीआईसी रोहिडा तक पहुंच गई। सूचना पर जंगल के दूसरे छोर पर आग बुझाने में जुटे ग्रामीण अस्पताल परिसर में पहुंचे और आग को बुझाया। ग्रामीण प्रताप गढ़वाली ने कहा कि गर्मी व सूखे पिरुल की आग से अखरोट, अमरुद, सेब आदि दर्जनों फलदार व सैकड़ो चार पत्ती के पेड़ जल गए हैं। ग्रामीणों ने घर, गौशाला, आयुर्वेद अस्पताल तथा जीआईसी रोहिडा को बचा लिया है।