Dehradun : शिक्षा विभाग में अब ट्रांसफर एक्ट से इतर नई नियमावली बनाकर शिक्षकों के ट्रांसफर करने की तैयारी है। शिक्षा विभाग हमेशा से ही ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर सुर्खियों में रहता है। लेकिन, उत्तराखंड में पिछले 5 सालों में शिक्षा विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल कम ही देखने को मिला है। इसकी सबसे बड़ी वजह तबादला एक्ट भी रहा है,क्योंकि सरकार ने तबादला एक्ट के तहत सभी विभागों में या तो 10 प्रतिशत तबादलों को मंजूरी दी या फिर कोविड महामारी के दौरान तबादला सत्र शून्य करना पड़ा।
इससे दुर्गम में सेवाएं दे रहे शिक्षकों को वह न्याय नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे। लेकिन, अब इसी पीड़ा को समझते हुए शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने पारदर्शी तबादला नियमावली बनाने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए केवी और हरियाणा में शिक्षा विभाग में ट्रांसफर नीति का अध्ययन किया जाएगा।
शिक्षा विभाग में यदि तबादला एक्ट से हटके नियमावली के तहत ट्रांसफर होते हैं तो शिक्षा विभाग पहला ऐसा विवाद होगा जिसमें तबादला एक्ट से हटके ट्रांसफर किए जाएंगे लेकिन राजकीय शिक्षक संगठन भी शिक्षा मंत्री के इस पहल का स्वागत कर रहा है कि केवी या हरियाणा की तर्ज पर शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाएं।
कुल मिलाकर देखें तो शिक्षकों की उम्मीदें साल भर ट्रांसफर को लेकर रहती है लेकिन यदि सरकार के द्वारा जब तबादला सत्र शून्य कर दिया जाता है या 10 प्रतिशत ही तबादलों को मंजूरी मिलती है, तो वास्तव में दुर्गम में सेवाएं देने वाले शिक्षकों को तबादला एक्ट के बाद भी वह न्याय नहीं मिल पा रहा है।
सुगम में सेवाएं देने के हकदार थे। ऐसे में अब देखना यही होगा कि आखिरकार जिस नई नियमावली को बनाए जाने की बात शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत कर रहे हैं। क्या उससे शिक्षकों ट्रांसफर में न्याय मिल पाएगा।