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देहरादून : नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार अपनी तेज तर्रार कार्यशैली के लिये जाने जाते है। पदभार ग्रहण करते ही अपने अधिनस्थों को उनके द्वारा शातिर ईनामी अपराधियों, गैंगस्टरो, नशा तस्करो पर प्रभावी एवं कड़ी कार्यवाही किये जाने हेतु स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये गये है। जिसके तहत उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा एक और बड़ी कामयाबी हासिल की गई है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल के कुशल निर्देशन में एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा अब तक 50 से अधिक खतरनाक शातिर व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा मामले की जानकारी देते हुये बताया कि एक व्यक्ति की हत्या के प्रकरण में थाना रानीपुर जनपद हरिद्वार में पंजीकृत मु0अ0सं0 270/18 धारा 302, 354(क) भादवि में कुख्यात अपराधी वीर सिंह सैनी उर्फ भगत पुत्र स्व. रामस्वरुप उर्फ रामा निवासी लेबर कालोनी सैक्टर-2 बीएचईएल रानीपुर हरिद्वार की धरपकड़ हेतु उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा प्रयास किये जा रहे थे, जिसके फलस्वरुप उत्तराखण्ड एसटीएफ टीम द्वारा देर रात को रामजीवाला छकड़ा थाना मण्डावर जनपद बिजनौर उत्तर प्रदेश में दबिश देकर पिछले 05 वर्षो से वांछित कुख्यात ईनामी हत्यारे वीर सिंह को गिरफ्तार किया गया ।
उपरोक्त प्रकरण के सम्बन्ध में एसएसपी एसटीएफ द्वारा आगे जानकारी देते हुये बताया कि पकड़े गए अभियुक्त वीर सिंह सैनी उर्फ भगत द्वारा लेबर कालोनी रानीपुर हरिद्वार में 10 अगस्त 2018 को वादी की पुत्री के साथ छेड़छाड़ की घटना की गयी जिसका जिसका विरोध उसके भाई हेमन्त द्वारा किया गया तो 03 अभियुक्तो वीर सिंह, बलवीर एवं विरेन्द्र द्वारा हेमन्त के साथ मारपीट कर उसके सिर पर चोट मारकर हत्या कर दी गयी व एवं तीनो अपराधी मौके से फरार हो गये थे। जिसमे से हरिद्वार पुलिस द्वारा एक अभियुक्त वीरेन्द्र को उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया था परन्तु इस घटना में शामिल अन्य 02 अभियुक्त वीर सिंह व बलबीर सिंह तब से लगातार फरार चल रहे थे।
इन दोनो अभियुक्तो की गिरफ्तारी पर पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र द्वारा 50-50 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। ये दोनो ईनामी हत्यारे एसटीएफ की रडार पर थे, जिनकी गिरफ्तारी को लेकर पिछले काफी समय से एसटीएफ लगातार प्रयास कर रही थी। जिसके फलस्वरुप कल देर रात को अभियुक्त वीर सिंह की गिरफ्तारी रामजीवाला छकड़ा थाना मण्डावर जनपद बिजनौर से सम्भव हो सकी है। फरार दोनो अभियुक्त घटना से पहले थाना रानीपुर, हरिद्वार क्षेत्र में लेबर कालोनी में झोपड़ी लगाकर रहते थे जो खानाबदोश जीवन व्यतीत कर रहे थे जिनका कोई स्थाई पता नही था। गिरफ्तार होने पर अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि पुलिस से बचने के लिये उसने अपना भेष बदलकर उत्तर प्रदेश के अलग अलग स्थानो में रह रहा था, उसने यह भी बताया कि घटना के बाद से पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिये बाबा का भेष बनाकर अलग-अलग मंदिरो मे रहता था।
अभियुक्त खानाबदोश किस्म का व्यक्ति था, जिसका कोई स्थानी पता न होने के कारण गिरफ्तारी कर पाना बहुत कठिन हो रहा था । इसकी गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ द्वारा एक अलग से रणनीति तैयार की गयी जिसके तहत अभियुक्त के बारे में मैनुवली एवं सर्विलांस के माध्यम से सूचना एकत्रित की गयी जिसके कारण ही अभियुक्त की गिरफ्तारी सम्भव हो पायी है। पकड़े गये अभियुक्त से अन्य फरार अभियुक्त बलबीर के बारे में काफी जानकारियां एसटीएफ को प्राप्त हुयी है जिससे आने वाले दिनो में उसकी भी गिरफ्तारी की सम्भावना है।
आरोपी का नाम
- वीर सिंह सैनी उर्फ भगत पुत्र स्व. रामस्वरुप उर्फ रामा निवासी लेबर कालोनी सैक्टर-2 बीएचइएल रानीपुर हरिद्वार
पुलिस टीम
- निरीक्षक अबुल कलाम, एसटीएफ उत्तराखण्ड ।
- उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी, एसटीएफ उत्तराखण्ड ।
- हे0का0 बृजेन्द्र चौहान, एसटीएफ उत्तराखण्ड ।
- हे0का0 महेन्द्र सिंह, एसटीएफ उत्तराखण्ड ।
- का0 मोहन असवाल, एसटीएफ उत्तराखण्ड ।