संभल : उत्तर प्रदेश के संभल के शाही जामा मस्जिद विवाद के अब तक भी मामले में हर दिन कुछ ना कुछ नया अपडेट सामने आ रहा है। अब क्षेत्र में जिला प्रशासन ने अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। इस दौरान 46 साल से बंद भगवान शिव का मंदिर खुलवाया गया। यह मंदिर महमूद खां सराय इलाके में एक बंद मकान में पाया गया, जो 1978 के दंगे के दौरान हिंदू परिवार का था।
बाद में मकान बेच दिया गया और तब से यह बंद पड़ा था। जिला अधिकारी (डीएम) राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई की निगरानी में मंदिर की सफाई कराई गई और कुएं की खुदाई शुरू कराई गई है। डीएम पेंसिया ने बताया कि मकान के मालिकाना हक को लेकर जांच की जा रही है।
साथ ही, शाही जामा मस्जिद क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने और बिजली चोरी रोकने के लिए सख्त कार्रवाई जारी है। प्रशासन की टीम ने इलाके में सड़कों, नालों से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। बिजली चोरी के खिलाफ चलाए गए इस अभियान में 300 से अधिक मकानों में बिजली चोरी पकड़ी गई। इनमें कई मस्जिदें भी शामिल हैं।
टीम ने पाया कि एक मस्जिद में 59 पंखे, एक फ्रिज, वॉशिंग मशीन और 25-30 लाइट प्वाइंट बिजली चोरी से चलाए जा रहे थे। विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता नवीन गौतम ने बताया कि दोषियों पर कार्रवाई हो रही है। पुलिस ने बिजली विभाग की टीमों की सुरक्षा के लिए क्षेत्र में दो प्लाटून पुलिस बल तैनात किया है। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
नखासा थाना क्षेत्र में DM डॉ. राजेंद्र पैंसिया और SP कृष्ण कुमार विश्नोई के नेतृत्व में बिजली विभाग की टीम ने रायसत्ती, नखासा, हिन्दूपुरा खेड़ा और दीपा सराय में चेकिंग अभियान चलाया। कई मकानों में बिजली चोरी पकड़ी है। इसमें कई मस्जिदें भी शामिल हैं। सभी के खिलाफ बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज की जानी है। लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
डीएम ने बताया कि संभल शहर में सबसे ज्यादा लाइनलॉस इन्हीं इलाके में होता है। हर महीने करोड़ों रुपये की बिजली चोरी की जाती है। बिजली विभाग की टीम प्रभावी तरीके से कार्रवाई नहीं कर पाती है। इसलिए यह कार्रवाई शनिवार की सुबह से शुरू कराई गई है। बताया कि अतिक्रमण भी हटवाया जा रहा है।
जामा मस्जिद क्षेत्र में शनिवार को बिजली चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान 46 साल से बंद भगवान शिव और हनुमान के मंदिर का पता चला। मंदिर को अतिक्रमण कर घरों में तब्दील कर दिया गया था। प्रशासन ने मंदिर को साफ कराया और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। DM डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि बिजली चोरी के खिलाफ अभियान के दौरान एक मंदिर मिला, जिसे अतिक्रमण कर बंद कर दिया गया था।
मंदिर की सफाई कराई जा रही है और इसके पास स्थित एक प्राचीन कुएं के ऊपर रैंप बनाया गया था। रैंप हटाने पर कुआं मिला। मंदिर को उसके असली मालिकों को सौंपा जाएगा और अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई होगी। इसके साथ ही पुरातत्व विभाग (ASI) से मंदिर की प्राचीनता का पता लगाने के लिए कार्बन डेटिंग कराने को कहा गया है।
ASP श्रीश चंद्र ने बताया कि जांच में पाया गया कि कुछ लोगों ने मंदिर पर कब्जा कर घर बना लिए थे। मंदिर में भगवान शिव और हनुमान की मूर्तियां मौजूद हैं। पहले इस इलाके में हिंदू परिवार रहते थे, लेकिन किसी कारणवश क्षेत्र छोड़कर चले गए। मंदिर को अब साफ कराया जा रहा है और अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
प्राचीन कुएं के बारे में भी जानकारी मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। इस कार्रवाई के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी धार्मिक स्थल या सार्वजनिक संपत्ति पर अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अतिक्रमण करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।