देहरादून : कल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी पर पूरे देश में करवा चौथ का पावन पर्व मनाया जाएगा। सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखेंगी। सोलह श्रृंगार कर पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत करेंगी और शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत का पारण करेंगी।
इस बार करवा चौथ पर 200 वर्ष बाद दुर्लभ शिववास योग बन रहा है, जो वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाला माना जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक है, जिसमें महिलाएं करवा माता, शिव-पार्वती और चंद्रमा की आराधना करेंगी। सरगी का समय सुबह सूर्योदय से पहले रहेगा।
चांद के दर्शन का समय: राज्यवार जानकारी
करवा चौथ का मुख्य आकर्षण चंद्रमा के दर्शन हैं। मौसम साफ रहने की उम्मीद के बीच चांद के निकलने का समय विभिन्न राज्यों में थोड़ा भिन्न है। द्रिक पंचांग के अनुसार, अधिकांश शहरों में चांद रात 8:13 बजे के आसपास दिखाई देगा। नीचे प्रमुख राज्यों और शहरों में अनुमानित चंद्रोदय समय दिया गया है (स्थानीय समयानुसार, मौसम पर निर्भर) रहेगा।
राज्य/शहर | चांद निकलने का अनुमानित समय |
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उत्तराखंड (देहरादून) | रात 8:10 बजे |
उत्तर प्रदेश (लखनऊ) | रात 8:13 बजे |
दिल्ली-एनसीआर | रात 8:14 बजे |
पंजाब (अमृतसर) | रात 8:15 बजे |
हरियाणा (चंडीगढ़) | रात 8:12 बजे |
राजस्थान (जयपुर) | रात 8:18 बजे |
मध्य प्रदेश (भोपाल) | रात 8:13 बजे |
महाराष्ट्र (मुंबई) | रात 8:30 बजे |
गुजरात (अहमदाबाद) | रात 8:25 बजे |
बिहार (पटना) | रात 8:20 बजे |
ये समय द्रिक पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित हैं। यदि बादल छाए रहें तो चांद देरी से दिख सकता है, इसलिए धैर्य रखें। ज्योतिषियों का कहना है कि कृतिका नक्षत्र में चंद्रोदय होने से इस व्रत का फल दोगुना मिलेगा। देशभर में बाजारों में करवा सामग्री, मेहंदी और श्रृंगार वस्तुओं की खरीदारी जोरों पर रही। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में महिलाएं पारंपरिक गढ़वाल-कुमाऊंनी परिधानों में सजीं, तो दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में आधुनिक टच के साथ उत्सव मनाया जा रहा है। विशेषज्ञों ने व्रती महिलाओं को हल्का भोजन और पर्याप्त आराम की सलाह दी है।