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- 67वीं जयंती पर याद किए गए देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत
- जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने आयोजित किया चतुर्थ सीडीएस जनरल बिपिन रावत मेमोरियल लेक्चर
दिल्ली : कांस्टीट्यूशन क्लब में जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की 67वीं जयंती पर चतुर्थ मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि थलसेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी, विशिष्ट अतिथि जीबीआर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया, जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री तारिणी रावत और आजतक के सीनियर एडिटर और वरिष्ठ रक्षा पत्रकार एवं फ़ाउंडेशन के सचिव मनजीत नेगी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख एपी सिंह समेत तीनों सेनाओं के अधिकारी, रक्षा सुरक्षा से अधिकारी शामिल हुए।
मुख्य अतिथि थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, विशिष्ट अतिथि वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया और जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री तारिणी रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। सभी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि “विश्व नई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसके कारण इराक, लीबिया, सीरिया, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और कई अन्य देशों में शासन का पतन हुआ है… आदर्शवादी यथार्थवादी बन रहे हैं, और इसके विपरीत भी हो रहा है। अंशकालिक मित्रता एक नई उभरती घटना है, जिसे ‘मजबूरी के दोस्त’ भी कहा जाता है। एक निर्वाचित सरकार की अवधि या एक निर्वाचित नेता का पतन एक राष्ट्र के पूरे दृष्टिकोण को बदल रहा है। हम देख रहे हैं कि अमेरिका, कनाडा या बांग्लादेश में क्या हो रहा है। विश्व यूक्रेन और गाजा में दो प्रमुख संघर्षों से अभी शांत ही हो रहा है, जिसमें अधिकांश राष्ट्रों ने यथार्थवाद, आदर्शवाद या धर्म के आधार पर पक्ष लिया। यह उथल-पुथल उप-राष्ट्रीय संघर्षों और वैश्विक शांति के लिए खतरों जैसे आतंकवाद, कट्टरता, सामूहिक साइबर हमले और लोकतंत्र से सत्तावाद में एक सूक्ष्म बदलाव के साथ भी व्याप्त है।”
उन्होंने कहा, “हम पाते हैं कि चीन एशिया, अफ्रीका और यूरोप में अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव निवेशों द्वारा स्थापित नियम-आधारित प्रणाली को चुनौती दे रहा है। अमेरिका गठबंधनों को मजबूत करके और एक मुक्त इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा देकर प्रतिक्रिया दे रहा है। यूरोप चीन और अमेरिका दोनों के साथ जुड़ते हुए मानवाधिकारों के अपने सिद्धांत को बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। अफ्रीका दोनों ब्लॉकों से निवेश की उम्मीद कर रहा है, और ग्लोबल साउथ एक बहु-ध्रुवीय दुनिया की मांग को तेजी से आवाज दे रहा है, जो विविध हितों को दर्शाता है। नाटो रूस की रेड लाइन्स का परीक्षण करने की कोशिश कर रहा है। चीन ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के समुद्री क्षेत्र के बीच जहाजों के फायर प्रैक्टिस से अपने संकेतों को बढ़ाया है। इस शक्ति संघर्ष में, उत्तर कोरिया चुपचाप सैन्य रूप से मजबूत होता जा रहा है। यहां तक कि वैश्विक साझा संसाधन- महासागर, बाहरी अंतरिक्ष, साइबर स्पेस और वायुमंडल भी इसी भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण खतरे में हैं। साइबर युद्ध और गलत सूचना विश्वास को कमजोर करते हैं, जबकि आर्थिक असमानताएं और संसाधन प्रतिस्पर्धा अशांति और प्रवास को बढ़ावा देती हैं। इन खतरों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग, लचीलापन और अनुकूली सुरक्षा रणनीतियों की आवश्यकता है।”
जनरल बिपिन रावत की 67वीं जयंती पर जीबीआर मेमोरियल फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और पूर्व वायुसेना प्रमुख एवं जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया पर बनाई गई डाक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की। यह फ़िल्म इनके जीवन और मिशन पर रोशनी डालती है।
सुनीता द्विवेदी द्वारा फाउंडेशन को आगे बढ़ाने में लगे लोगों को प्रशंसा प्रत्र देकर सम्मानित किया। जिसमें कीर्ति चक्र विजेता मेजर दिग्विजय सिंह रावत, टैकलैब्स के सीईओ सुकेश नैथानी, कृष्णा मूर्ति संस के निदेशक अश्विनी शर्मा को सम्मानित किया। इसके अलावा सुनीता द्विवेदी ने जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री तारिणी रावत और चेतना नेगी द्वारा सुनीता द्विवेदी को सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथियों को जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया का मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की समाप्ति से पहले आजतक के सीनियर एडीटर और वरिष्ठ रक्षा पत्रकार एवं फ़ाउंडेशन के सचिव मनजीत नेगी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर कई मौजूदा और पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हुए। जिसमें वायुसेना प्रमुख एपी सिंह, पूर्व सीओएम वाइस एडमिरल संदीप नैथानी, असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर वाइस मार्शल राजेश भंडारी, यूकेपीएससी के मेंबर मनोज रावत, मेजर जनरल वीके त्रिपाठी, दिल्ली सरकार में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ अजय सिंह बिष्ट, मेजर दिग्विजय सिंह रावत समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी और जनरल बिपिन रावत के चाहने वाले भी मौजूद थे।