उत्तरकाशी : सिलक्यारा टनल रेस्क्यू, वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी, मौसम दिखा रहा तेवर

by intelliberindia

उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर को दीपावली के दिन से फंसी 41 जिंदगियों को बचाने का अभियान जारी है। 12 नवंबर से अब तक 16 दिन पूरे हो चुके हैं। इस अभियान में पहले दिन से ही कुछ ना कुछ दिक्कतें आ रही हैं। जब तक एक उम्मीद बढ़ती है। तब तक फिर कुछ अड़चन आ जाती है। लेकिन, रेस्क्यू में जुटी टीमों का हौसला पहले दिन जैसा ही है। टनल के भीतर फंसे मजदूरों का हौसला भी बनाए हुए हैं।

ऑगर मशीन के खराब होने के बाद नए विकल्प पर काम शुरू कर दिया गया है। अब तक 30 मीटर से ज्यादा की वर्टिकल ड्रिलिंग हो चुकी है। जबकि, ऑगर मशीन के पाइप में फंसे ब्लेड के छुकड़ों को बाहर निकाल लिया गया है। अब सेना के जवान भी अपना मिशन शुरू करने जा रहे हैं। उम्मीद है कि एक-दो दिन में कुछ अच्छी खबर सामने आएगी।

इस बीच मौसम भी करवट बदलने लगा है। इससे दिक्कतें बढ़ सकती हैं। तापमान में गिरावट हाने से रेस्क्यू में जुटे कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, अगर बारिश होती है, तो वर्टीकल ड्रिलिंग में दिक्कतें पेश आ सकती हैं। हालांकि, उम्मीद यही है कि बहुत जल्द सभी 41 मजदूरों को बचा लिया जाएगा। यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में बादल छाए हुए हैं। यमुनोत्री धाम के आसपास बर्फबारी शुरु हो गई है। वहीं नीचले इलाकों में बारिश का मौसम बना हुआ है।

जहां एक और विज्ञान और तकनीक से काम किया जा रहा है। वहीं, आस्था का सहारा भी लिया जा रहा है। टपल के बाहर बौखनाग देवता का मंदिर बनाया गया है। वहीं, अब बौखनाग देवता के दरबार में जाकर हाजिरी लगाई है। देवता ने कहा है कि अब रेस्क्यू में कोई दिक्कत नहीं आएगी। उम्मीद है कि देवता की बात सही साबित होगी और सभी मजदूर सकुशल बाहर निकल आएंगे।

Related Posts