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रूडकी : मदरहुड विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रो. विवेक कुमार उपाध्याय को एफएपी, चंड़ीगढ़ विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मान समारोह में उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया । यह विशेष सम्मान उनके द्वारा शिक्षा के द्वारा राष्ट्र के निर्माणहित कार्य में उत्कृष्ट योगदान एवं अभिनव प्रयासों के लिए दिया गया है। विवेक कुमार लगभग डेढ़ दशक से शिक्षा के क्षेत्र में अपने अनुभवों से शिक्षा को विद्यार्थियों तक पहुंचने का कार्य कर रहे हैं। अपने महत्वपूर्ण अनुभवों से उन्होंने अपने विद्यार्थियों को विधिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा देने का प्रयास किया है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घडुआं द्वारा 25-26 नवंबर को प्रतिष्ठित नेशनल अवार्ड्स 2023 का आयोजन किया गया। पहले दिन शैक्षणिक उपलब्धि पुरस्कार, खेल उपलब्धि पुरस्कार और प्राइड ऑफ इंडिया श्रेणियों में पुरस्कार वितरण किए गए तथा दूसरे दिन विभिन्न श्रेणियां के अंतर्गत शिक्षकों को सम्मानित किया गया। यह नेशनल अवार्ड्स आज केवल पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे भारत में प्रतिभा, योग्यता और उत्कृष्टता को पहचान देने का एक अनूठा मंच बन गया है। मुख्य अतिथि के रूप में पुरस्कार समारोह की शोभा बढ़ाते हुए पुडुचेरी की पूर्व उप-राज्यपाल डॉ. किरण बेदी ने एफएपी अवार्ड्स के सुअवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी परिसर में अपने संबोधित में कहा कि शिक्षक और शिक्षण संस्थाएं हमारे युवाओं के करियर को बनाने और उसे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एफएपी अवार्ड्स, जो निजी संस्थानों के शिक्षकों, प्रिंसिपलों और छात्रों द्वारा की गई उत्कृष्ट उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देने का कार्य कर रहा है। इस अवसर पर पहले दिन पुडुचेरी की पूर्व उप-राज्यपाल किरण बेदी, पूर्व भारतीय क्रिकेटर लेवल-2 के बीसीसीआई कोच नेहा तंवर, आईएएस त्रिपुरा भवन, नई दिल्ली की निवासी आयुक्त सोनल, रही।
दुसरे दिन डॉ. राजकुमार रंजन सिंह, विदेश एवं शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार, वर्ल्ड कैंसर केयर में ग्लोबल एंबेसडर कुलवंत सिंह धालीवाल, लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, वाईएसएम, वीएसएम भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त जनरल ऑफिसर, अमरजीत कौर दलम उप सचिव शैक्षणिक नियोजन शाखा पीएसईबी, मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसके अलावा एफएपी के अध्यक्ष डॉ. जगजीत सिंह धुरी तथा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर डॉ. आरएस बावा भी मौजूद थे। पुरस्कारों का गठन एफएपी पंजाब द्वारा किया गया
इस कार्यक्रम में अध्यक्षीय अभिभाषण में डॉ. जगजीत सिंह धुरी ने कहा जो कार्य जितना अधिक महत्त्वपूर्ण होता है। उसके संपादन के लिए उतने ही अधिक योग्य और उत्तरदायित्वपूर्ण व्यक्ति की आवश्यकता होती है। शिक्षण भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण कार्य है। यह केवल सूचनात्मक ज्ञान का हस्तांतरण नहीं है, बल्कि वर्तमान पीढ़ी के मूल्यनिष्ठ-आचरण का भावी पीढ़ी में प्रतिष्ठापन भी है। विद्यार्थी अपने शिक्षक के कार्य-व्यवहार से प्रभावित होता है, प्रेरणा लेता है। शिक्षक की शिक्षणेतर गतिविधियां भी शिक्षार्थी पर गहरा प्रभाव डालती हैं। इसलिए समाज शिक्षक से रचनात्मक, विवेक-सम्मत और उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवहार की अपेक्षा करता है। इस कार्यक्रम में कुल 23 राज्यों से आए शिक्षकों को सम्मानित किया गया ।