CEC ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेस में दिया उद्घाटन भाषण, भारत के चुनावी अखंडता, विशालता और विविधता को किया उजागर

by intelliberindia
स्टॉकहोम : भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन में आयोजित स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान भारत की अखंडता, विशालता और विविधता को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत का निर्वाचन आयोग (ECI) विश्वभर के चुनाव प्रबंधन निकायों (EMBs) के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि “पूरी निष्ठा और ईमानदारी से चुनाव कराना हमारे राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक है। इस सम्मेलन का आयोजन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (International IDEA) द्वारा किया जा रहा है, जिसमें लगभग 50 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के 100 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
श्री कुमार ने उपस्थित प्रतिनिधियों को भारत में चुनावों की विशालता की जानकारी दी, विशेषकर संसदीय चुनावों के दौरान। उन्होंने बताया कि यह पूरा आयोजन राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, आम पर्यवेक्षकों, पुलिस एवं व्यय निरीक्षकों और मीडिया की कड़ी निगरानी में होता है, जो हर चरण में समानांतर लेखा परीक्षक की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव संचालन के लिए भारत में जो समन्वय होता है, वह अभूतपूर्व है। चुनावों के दौरान 20 मिलियन से अधिक कार्मिक—जैसे मतदानकर्मी, सुरक्षा बल, पर्यवेक्षक और राजनीतिक दलों के एजेंट—कार्यरत रहते हैं, जिससे ECI विश्व का सबसे बड़ा संगठन बन जाता है। यह कई देशों की सरकारों और प्रमुख वैश्विक कंपनियों की संयुक्त कार्यशक्ति से भी बड़ा होता है, और यह सुनिश्चित करता है कि भारत के लगभग एक अरब मतदाता स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
इस वैश्विक मंच से संबोधित करते हुए श्री कुमार ने भारतीय चुनावों के विकास क्रम की चर्चा की और बताया कि कैसे भारत की चुनाव प्रणाली दशकों से जटिलताओं को अपनाते हुए भी संविधानिक मूल्यों पर टिकी रही है। उन्होंने बताया कि 1951–52 में 17.3 करोड़ मतदाताओं से शुरू होकर 2024 तक यह संख्या 97.9 करोड़ तक पहुंच गई है, और 0.2 लाख मतदान केंद्रों से बढ़कर आज यह संख्या 10.5 लाख से अधिक हो गई है। उन्होंने बताया कि 2024 के आम चुनावों में 743 राजनीतिक दलों ने भाग लिया, जिनमें 6 राष्ट्रीय दल, 67 राज्य स्तरीय दल और अन्य पंजीकृत दल शामिल थे। कुल 20,271 उम्मीदवारों ने पूरे देश में चुनाव लड़ा, जिसमें 6.2 मिलियन ईवीएम (Electronic Voting Machines) का उपयोग किया गया। यह सब निर्वाचन आयोग की समावेशी, कुशल और सुरक्षित चुनाव संचालन क्षमता को दर्शाता है।
श्री कुमार ने भारत में मतदाता सूची (Electoral Roll) की कानूनी रूप से राजनीतिक दलों के साथ हर वर्ष संशोधन के दौरान और चुनावों से पहले साझा करने की परंपरा को भी रेखांकित किया, जो 1960 से लगातार जारी है। दावे, आपत्तियाँ और अपील की पूरी प्रक्रिया इस व्यवस्था का हिस्सा है, जिससे यह दुनिया की सबसे पारदर्शी और सटीक चुनावी प्रक्रियाओं में से एक बनती है।
भारतीय चुनावों की समावेशी प्रकृति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पहले बार वोट देने वालों, 85+ आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों, विशेष योग्यताओं वाले व्यक्तियों, तीसरे लिंग के मतदाताओं और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों तक को समान सम्मान और व्यवस्था के साथ शामिल करती है। एकमात्र मतदाता वाले बूथ से लेकर हिमाचल प्रदेश के ताशिगंग जैसे उच्चतम मतदान केंद्रों तक, भारत की “कोई मतदाता पीछे न छूटे” की प्रतिबद्धता एक लॉजिस्टिक चुनौती नहीं बल्कि संवैधानिक सिद्धांत है।
सम्मेलन के इतर, ज्ञानेश कुमार ने मेक्सिको, इंडोनेशिया, मंगोलिया, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्ज़रलैंड, मोल्डोवा, लिथुआनिया, मॉरीशस, जर्मनी, क्रोएशिया, यूक्रेन और यूनाइटेड किंगडम के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। इन मुलाकातों में मतदाता भागीदारी, चुनावी तकनीक, प्रवासी मतदान, और संस्थागत क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर चर्चा की गई।

विभिन्न देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुखों से की  द्विपक्षीय बैठकें

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन के स्टॉकहोम में 10 से 12 जून, 2025 तक आयोजित चुनावी अखंडता पर आयोजित इंटरनेशनल आईडीईए कांफ्रेस  के अवसर पर विभिन्न देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुखों के साथ एक सिलसिलेवार तरीके से द्विपक्षीय बैठकें कीं। इन बैठकों का उद्देश्य भारत की चुनाव प्रबंधन एवं लोकतांत्रिक सहयोग के क्षेत्र में लंबे समय से स्थापित साझेदारियों को और अधिक सशक्त करना है। इन द्विपक्षीय वार्ताओं के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विभिन्न के देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर वैश्विक चुनावी अनुभवों और नवाचारों पर चर्चा की। देर शाम ज्ञानेश कुमार ने इंटरनेशनल आईडीईए कांफ्रेस के उद्घाटन सत्र में उद्घाटन भाषण भी दिया।

द्विपक्षीय बैठकों का विवरण

  1.  मारिसा अर्लीन कैब्राल पोर्चस, समन्वयक, अंतरराष्ट्रीय मामलों की और नॉर्मा आइरीन डी ला क्रूज़, निर्वाचन पार्षद, राष्ट्रीय निर्वाचन संस्थान, मेक्सिको
  2. मोहमद अफीफुद्दीन, अध्यक्ष, जनरल इलेक्शन कमिशन, इंडोनेशिया
  3. पुरवी डेल्गर्नारन, अध्यक्ष, जनरल इलेक्शन कमिशन, मंगोलिया
  4. मोसोथो साइमन मूप्या, अध्यक्ष, निर्वाचन आयोग, दक्षिण अफ्रीका
  5. हैंस्पीटर व्यास, नीति सलाहकार, स्विस एजेंसी फॉर डेवेलपमेंट एंड कोऑपरेशन, स्विट्ज़रलैंड
  6. एंजेलिका कारमान, अध्यक्ष और पावेल पोस्टिका, उपाध्यक्ष, केंद्रीय निर्वाचन आयोग, मोल्डोवा
  7. डेरियस गैज़ौस्कस, प्रमुख, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, केंद्रीय निर्वाचन आयोग, लिथुआनिया
  8. अब्दुल रहमान मोहम्मद इरफान, निर्वाचन आयुक्त, मॉरीशस
  9. विजय रंगराजन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, निर्वाचन आयोग, यूनाइटेड किंगडम
  10. अन्ना-करिना एल्बर्ट, प्रमुख और क्लाउडिया इसफोर्ट, सहायक प्रमुख, संघीय रिटर्निंग ऑफिसर कार्यालय, जर्मनी
  11. ओलेह डिडेंको, अध्यक्ष और विताली प्लुकार, उपाध्यक्ष, केंद्रीय निर्वाचन आयोग, यूक्रेन
  12. द्राज़ेंको पांडेक, राज्य निर्वाचन आयोग, क्रोएशिया

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