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वर्ष 2012 में शुरू हुआ था एमबीबीएस का पाठ्यक्रम
ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश न केवल असाध्य रोगों से ग्रसित बीमार लोगों का इलाज कर उन्हें नया जीवन प्रदान कर रहा है अपितु मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी यह संस्थान नित नई ऊंचाईयों की ओर अग्रसर है। देश के सर्वोच्च 50 चिकित्सा संस्थानों की सूची में 22वें स्थान पर अपनी जगह बनाकर संस्थान ने गत वर्ष गुणवत्तापरक शिक्षा को प्रमाणिक कर दिखाया है।
इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश अभी तक 574 चिकित्सकों को भी देश की सेवा में समर्पित कर चुका है।
विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के अलावा अपने मेडिकल कॉलेज के माध्यम से संस्थान द्वारा अब तक 574 एम.बी.बी.एस डॉक्टर्स तैयार कर देश की सेवा में समर्पित किए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि एम्स ऋषिकेश में एमबीबीएस का पहला बैच सितम्बर- 2012 में शुरू हुआ था। एम्स के एमबीबीएस कॉलेज की शैक्षणिक उन्नति का जिक्र करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) द्वारा जारी की जाने वाली वार्षिक सूची के अनुसार वर्ष 2022 की रैकिंग में एम्स ऋषिकेश का स्थान 49वें नम्बर पर था, जो अनुभवी फेकल्टी सदस्यों और बेहतर शिक्षण व्यवस्था की बदौलत वर्ष 2023 में 22वें स्थान पर जगह बनाने में कामयाब रहा। उन्होंने बताया कि संस्थान का प्रयास है कि चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में एलोपैथिक पद्धति के साथ-साथ आयुष पद्धति को भी बढ़ावा दिया जाए।
एमबीबीएस पाठ्यक्रम की हैं 125 सीटें
ऋषिकेश। एम्स के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की कुल 125 सीटें हैं। इस कोर्स के अलावा वर्तमान में यहां एमडी, एमएस, एमडीएस, डीएम, एमसीएच, पीएचडी, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ, एमएससी नर्सिंग और बीएससी एलाईड हेल्थ के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
डॉक्टरों को तैयार कर रही 214 फेकल्टी
ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश के मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में 214 फेकल्टी सदस्य शैक्षणिक कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। इनमें 60 प्रोफेसर, 64 एडिशनल प्रोफेसर, 60 एसोसिएट प्रोफेसर और 30 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं। हालांकि यहां फेकल्टी के कुल 305 पद स्वीकृत हैं। उक्त सभी फेकल्टी सदस्य मेडिकल कॉलेज की शिक्षण व्यवस्था के अलावा अस्पताल में मरीजों का इलाज व अनुसंधान कार्य भी करते हैं।
संस्थान में है देश की सर्वश्रेष्ठ सिमुलेशन लैब
ऋषिकेश। एम्स मेडिकल कॉलेज के शिक्षा विभाग में स्थापित की गई सिम्युलेशन लैब देश के अन्य एम्स संस्थानों की तुलना में विशेष स्थान रखती है। संस्थान की डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने बताया कि संस्थान में स्थापित सिम्युलेशन लैब देश की सर्वश्रेष्ठ लैब में से एक है, जो पूरे देशभर में एक मॉडल के रूप में जानी जाती है। इस लैब को देखने व मेडिकल सिम्युलेशन ट्रेनिंग के लिए देशभर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थी यहां नियमिततौर से आते हैं, जिन्हें प्रशिक्षण के साथ ही इससे जुड़ी विशेषताओं की जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस लैब में मेडिकल के छात्रों के अलावा फेकल्टी सदस्यों, हेल्थकेयर वर्कर व नर्सिंग स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी जाती है। इस लैब के जरिए मेडिकल के विद्यार्थियों को किसी बीमारी के उपचार से पहले उसका उपचार संबंधी संपूर्ण प्रशिक्षण देकर उन्हें दक्ष बनाया जाता है।
संस्थान की सिम्युलेशन लैब का उद्घाटन वर्ष 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने किया था। उन्होंने बताया कि इसे ’एडवांस सेंटर ऑफ मेडिकल सिम्युलेशन एंड स्किल्स’ का नाम दिया गया है। यह लैब एक मल्टी डिपार्टमेंट की भांति कार्य करती है। जिसमें प्रशिक्षण, वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस आदि गतिविधियां संचालित की जाती हैं। अभी तक इस लैब से मेडिकल क्षेत्र के 29 हजार 469 लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
जनरल ऑफ मेडिकल एविडेंस- इंस्टीट्यूट जनरल
ऋषिकेश। संस्थान का जनरल ऑफ मेडिकल एविडेंस का प्रकाशन वर्ष 2020 से किया जा रहा है। जिसके तहत अब तक 12 अंक प्रकाशित हो चुके हैं। फरवरी 2024 में प्रगति मैदान, दिल्ली में आयोजित पुस्तक मेले में एम्स ऋषिकेश की ओर से जनरल ऑफ मेडिकल एविडेंस के विभिन्न संस्करणों का प्रदर्शन किया गया। एविडेंस जनरल के एडिटर इन चीफ एम्स ऋषिकेश के अध्यक्ष प्रोफेसर समीरन नंदी हैं। जबकि संपादक संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह और प्रबंध संपादक डॉ. अजीत सिंह भदौरिया हैं।
यह हैं भविष्य की योजनाएं
ऋषिकेश। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि एम्स के विस्तारीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा 200 एकड़ भूमि एम्स को दी जानी प्रस्तावित है। भूमि मिलने पर एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने हेतु विभिन्न योजनाओं पर कार्य करने के अलावा मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में फार्मेसी इंस्टीट्यूट, पैरामेडिकल साइंसेस इंस्टीट्यूट, दन्त चिकित्सा महाविद्यालय और एकेडेमिक ब्लॉक निर्मित किया जाएगा।