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बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर 1913 में एमए करने के लिए अमेरिका चले गए
अमेरिका में पढ़ाई करना बड़ौदा के गायकवाड़ शासक सहयाजी राव तृतीय से मासिक वजीफा मिलने के कारण संभव हो सका था
देहरादून : भारत के संविधान निर्माता, चिंतक, समाज सुधारक बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के मऊ में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था। वे अपने माता-पिता की चौदहवीं संतान थे।
- डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अपने माता-पिता की 14वीं और आखिरी संतान थे।
- शिशु भीमराव को अम्बेडकर उपनाम उनके शिक्षक महादेव अम्बेडकर ने दिया था।
- डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री पाने वाले पहले भारतीय थे।
- डॉ. अम्बेडकर एकमात्र भारतीय हैं जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है।
- भारतीय तिरंगे में “अशोक चक्र” को जगह देने का श्रेय भी डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को जाता है। हालाँकि राष्ट्रीय ध्वज का डिज़ाइन पिंगली वेंकैया ने किया था।
- नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर अमर्त्य सेन अर्थशास्त्र में डॉ. बीआर अंबेडकर को अपना पितामह मानते हैं।
- मध्य प्रदेश और बिहार के बेहतर विकास के लिए बाबा साहब ने 50 के दशक में इन राज्यों के विभाजन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 2000 के बाद ही मध्य प्रदेश और बिहार को विभाजित करके छत्तीसगढ़ और झारखंड का गठन किया गया।
- बाबा साहब की निजी लाइब्रेरी “राजगीर” में 50,000 से अधिक पुस्तकें थीं और यह दुनिया की सबसे बड़ी निजी लाइब्रेरी थी।
- डॉ. बाबासाहेब द्वारा लिखित पुस्तक “वेटिंग फॉर ए वीज़ा” कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक पाठ्यपुस्तक है। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने 2004 में दुनिया के शीर्ष 100 विद्वानों की एक सूची बनाई और उस सूची में पहला नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर का था।
- डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर 64 विषयों में मास्टर थे। उन्हें हिंदी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, फारसी और गुजराती जैसी 9 भाषाओं का ज्ञान था। इसके अलावा उन्होंने लगभग 21 वर्षों तक विश्व के सभी धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन किया।
- लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बाबा साहब ने 8 साल की पढ़ाई सिर्फ 2 साल 3 महीने में पूरी कर ली। इसके लिए उन्होंने प्रतिदिन 21 घंटे पढ़ाई की।
- डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर का अपने 8,50,000 समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म में दीक्षा लेना ऐतिहासिक दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा धर्मान्तरण था।
- बाबासाहेब को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले महान बौद्ध भिक्षु “महंत वीर चंद्रमणि” ने उन्हें “इस युग का आधुनिक बुद्ध” कहा।
- बाबासाहेब लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से “डॉक्टर ऑल साइंस” नामक मूल्यवान डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले दुनिया के पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं। कई बुद्धिमान छात्रों ने इसके लिए प्रयास किया है, लेकिन वे अब तक सफल नहीं हुए हैं।
- दुनिया भर में, नेता के नाम पर लिखे गए गीतों और पुस्तकों की सबसे अधिक संख्या डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की है।
- गवर्नर जनरल लॉर्ड लिनलिथगो और महात्मा गांधी का मानना था कि बाबासाहेब 500 स्नातकों और हजारों विद्वानों से अधिक बुद्धिमान हैं।
- बाबासाहेब दुनिया के पहले और एकमात्र सत्याग्रही थे, जिन्होंने पीने के पानी के लिए सत्याग्रह किया था।
- 1954 में नेपाल के काठमांडू में आयोजित “विश्व बौद्ध परिषद” में बौद्ध भिक्षुओं ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को बौद्ध धर्म की सर्वोच्च उपाधि “बोधिसत्व” दी थी। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक “बुद्ध और उनका धम्म” भारतीय बौद्धों का “धर्मग्रंथ” है।
- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने तीन महापुरुषों भगवान बुद्ध, संत कबीर और महात्मा फुले को अपना “गुरु” माना था।
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा “द मेकर्स ऑफ द यूनिवर्स” नामक एक वैश्विक सर्वेक्षण के आधार पर पिछले 10 हजार वर्षों के शीर्ष 100 मानवतावादी लोगों की सूची बनाई गई थी, जिसमें चौथा नाम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का था।
- वर्तमान समय में चारों ओर चर्चा में चल रही नोटबंदी के बारे में बाबासाहेब आंबेडकर ने “रुपये की समस्या-इसकी उत्पत्ति और इसका समाधान” पुस्तक में कई सुझाव दिए हैं।
- दुनिया में हर जगह बुद्ध की बंद आंखों वाली मूर्तियां और पेंटिंग्स दिखाई देती हैं, लेकिन बाबासाहेब, जो एक अच्छे चित्रकार भी थे, ने बुद्ध की पहली पेंटिंग बनाई जिसमें बुद्ध की आंखें खुली हुई थीं।
- बाबासाहेब की पहली प्रतिमा वर्ष 1950 में उनके जीवित रहते बनाई गई थी और यह प्रतिमा कोल्हापुर शहर में स्थापित है।
- कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड 2011 के अनुसार, बाबासाहेब अंबेडकर दुनिया के पहले प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं।
- बाबासाहेब अंबेडकर की पुस्तक “रुपये की समस्या: इसकी उत्पत्ति और समाधान” के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए, 1 अप्रैल, 1935 को RBI की स्थापना की गई।
- “सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार” के लिए साउथबोरो आयोग के सामने वकालत करने वाले पहले भारतीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर थे।
- 27 नवंबर, 1942 को नई दिल्ली में आयोजित भारतीय श्रम सम्मेलन के 7वें सत्र में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने काम करने की अवधि को 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे कर दिया।
- डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने “वेतनमान में संशोधन”, “छुट्टी लाभ” और “महंगाई भत्ता” (डीए) जैसे क्रांतिकारी प्राविधान सरकारी कर्मचारियों के लिए करवाये।