हरिद्वार : हिंदू धर्म शास्त्र और वास्तु शास्त्र के निमयों की माने तो उत्तर दिशा में सिर करके सोना मृत्यु शय्या का प्रतीक माना जाता है. साथ ही आयु भी घटती है, बताया जाता है की मृत्यु के बाद इस दिशा में सुलाया जाता है व्यक्ति को। न सिर्फ हिंदू धर्म शास्त्र और वास्तु शास्त्र बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने को गलत बताया गया है.
क्यों रखे ख्याल
दुनिया में अगर सबसे कोई पुराना धर्म है तो वह सनातन धर्म है। इसे आज नहीं बनाया गया है बल्कि यह कब बनाया गया है यह सही बता पाना बहुत ही मुश्किल है । सनातन धर्म अजर अमर है और इस धर्म ग्रंथ में यह लिखा गया है कि उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोना मृत्यु शय्या का प्रतीक माना जाता है.हिंदू धर्म में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसके बाद व्यक्ति को उत्तर दिशा की ओर सुलाया जाता है। और उसके साथ ही यह भी माना जाता है किस दिशा में अगर इंसान कोई सोता है तो उसकी आयु कम होती है। और उसकी उसकी आयु में घट जाती होती है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक विष्णु पुराण पद्म पुराण में यह चीज़ लिखी गई है कि उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए । इसके साथ ही वह यह भी कहते हैं कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी उत्तर दिशा के सिरहाना करने की मनाही ही। व्यक्ति को बहुत सारी बीमारियां उत्पन्न होती है।साथ ही घर में दरिद्रता भी होती है ,हानि होती है, कुछ घटित होती रहती है। इंसान को सोना जिंदगी का हम हिस्सा माना जाता है , बिना सोए हुए व्यक्ति जीवित ही नहीं रह सकता है ,व्यक्ति प्रतिदिन सोता है।और ऐसे में सोते समय इंसान को दिशा का ख्याल जरूर रखना चाहिए।