पक्षियों का संरक्षण – भविष्य का संरक्षण

by intelliberindia
“A bird doesn’t sing because it has an answer, it sings because it has a song.”
                              — Lou Holtz
देहरादून : पक्षी प्रकृति के सबसे खूबसूरत जीवों में से एक हैं। ये पक्षी अपनी चहचहाहट से हमारे हृदय को प्रसन्नता और उमंग से भर देते हैं, वे उड़कर हमें प्रेरणा देतें हैं और उनको निहारना, अवलोकन करना, उनके हाव-भाव का परीक्षण करना, उनपर शोध करना, उनकी फोटोग्राफी करना, वीडियो बनाना, रील बनाना, एक बेहद खूबसूरत, मनमोहक और रुचिकर एहसास है।   
पक्षी हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का भी महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अब समय आ गया है कि हम उनकी सुरक्षा के लिए हाथ मिलाएं और यह सुनिश्चित करें कि उनके पास पनपने के लिए स्वस्थ प्रकृति हो। उनके प्राकृतवास से कोई छेड़छाड़ न हो, बल्कि उसकी गुणवत्ता में हमारा योगदान होना चाहिए।
प्रति वर्ष, राष्ट्रीय पक्षी दिवस उन पक्षियों के बारे में मुद्दों को प्रकाश में लाने के लिए मनाया जाता है जिन्हें पकड़ा जाता है, उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है या पैसे के लाभ और आनंद के लिए पिंजरे में रखा जाता है। पक्षियों या जीवों को पिंजरे में रखना अवैध और नैतिक रूप से गलत है और हमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि उनका जीवन स्वच्छंद और स्वतंत्र हो और वे एक बेहतर जीवन जियें!
राष्ट्रीय पक्षी दिवस को 5 जनवरी को मनाने की शुरुआत अमेरिका में 2002 से हुई, जिसे कालांतर में अन्य देशों ने भी अपना लिया है, क्योंकि क्रिसमस बर्ड कॉउंट भी इसी दिन होता है। यद्यपि भारत में पक्षी दिवस 12 नवम्बर को विश्वप्रसिद्ध पक्षी विशेषज्ञ डॉ सालिम अली के जन्मदिन मनाया जाता है, तथापि आजके दिन हम पक्षियों के लिए पूरे वर्ष के लिए एक योजना बनाकर उनके संरक्षण में अपना योगदान कर सकतें हैं।
अजीब दर्द का रिश्ता था सब के सब रोए
शजर गिरा तो परिंदे तमाम शब रोए…
           ~ तारिक़ नईम
शज़र – पेड़,  शब – रात
 
शुभ राष्ट्रीय पक्षी दिवस!

लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं . इनके द्वारा वन एवं वन्यजीव के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं.

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