बेसहारा पशुओं का सहारा बना यह युवक, अभी तक कई गौवंशो व कुत्तों की कर चुका है सेवा

by intelliberindia
कोटद्वार (गौरव गोदियाल )। एक ओर जहां कई लोग गोवंशीय पशुओं को अलाभप्रद व वृद्ध होने पर सड़कों किनारे निराश्रित छोड़ देते हैं। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इन निराश्रित गोवंश के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था कर रहे हैं साथ ही चिकित्सकीय सेवा भी उपलब्ध करा रहे हैं । इनमें से एक युवा है रतनपुर कुम्भीचौड निवासी चंद्र प्रकाश ढोढियाल ।
चंद्रप्रकाश के द्वारा सड़क पर घायल पड़े गौवंशों का इलाज कराया जाता है । वह भूखे गौवंशों को चारा खिलाने का काम भी करते है । चंद्रप्रकाश अपने निजी खर्च से ही इन बेसहारा पशुओं की सेवा किया करते थे किंतु वर्तमान समय में अब उनके साथ कुछ लोग जुड़ गए हैं जो उनकी आर्थिक एवं शारीरिक मदद करते है । चंद्रप्रकाश ने बताया कि करीब 5 साल पहले कोरोना काल से वह निराश्रित जानवरों की सेवा करते आ रहे हैं । चंद्रप्रकाश ने बताया कि मुझे अगर कहीं भी भूख या प्यासा गौवंश मिलता है, तो मैं तुरंत ही अपने निजी खर्चे से उस गौवंशों के लिए चारे व पानी की व्यवस्था करता हूं और अगर कोई भी चोटिल गौवंश मुझे दिखाई देता है या मुझे कहीं से चोटिल गोवंश की सूचना आती है, तो मैं तुरंत उस चोटिल गौवंशों को इलाज के लिए उपचार केंद्र लेकर जाता हूं या स्वयं उसका इलाज करता हूं । बताया कि अभी तक उनके द्वारा लगभग सौ से अधिक गौवंशो का रेस्क्यू कर इलाज करवाया जा चुका है । वहीं, चंद्र प्रकाश की इस सेवा भावना को देखते हुए स्थानीय लोग भी घास व चारे के रूप में पशुओं की मदद के लिए आगे आने लगे हैं । चंद्र प्रकाश ने बताया कि वर्तमान में उनको राजेश नोटियाल, विक्रान्त भण्डारी, शालू रावत, याशिका जखवाल, रुचि नेगी, वंश रावत, नम्रता कंडारी, शंकुतला रावत व कड़क पहाड़ी टीम का सहयोग मिल रहा है ।
वहीं, समाजसेवी चंद्र प्रकाश ढोढियाल द्वारा सीमित साधनों के जरिये गौवंश के प्रति सेवा भावना और समाज के एक अच्छे नागरिक के रूप में जागरूकता अभियान चलाकर भावी पीढ़ी को उससे जोड़ना आज की युवा पीढ़ी के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है और सरकार व प्रशासन को चाहिए कि इस तरह समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे युवाओं को आगे बढ़ने के लिए सहयोग प्रदान करें ताकि वह देश-प्रदेश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरें। 

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