प्रमुख साइबर खतरों में फिशिंग, विशिंग, और पहचान की चोरी शामिल – डीआईओ एनआईसी हेमन्त काला

by intelliberindia
  • साइबर खतरों से बचाव हेतु जागरूकता जागरूकता जरूरी
पौड़ी : आज के डिजिटल युग में साइबर खतरों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी हेमन्त काला ने नागरिकों से सतर्क और जागरूक रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और इनसे बचाव के लिए साइबर हाइजीन तथा जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने  बताया कि प्रमुख साइबर खतरों में फिशिंग, विशिंग, और पहचान की चोरी शामिल हैं। फिशिंग के तहत धोखेबाज विश्वसनीय संस्था बनकर आपकी निजी जानकारी चुराने का प्रयास करते हैं, जबकि विशिंग में नकली कॉल्स के माध्यम से बैंक अधिकारी बनकर जानकारी ली जाती है। पहचान की चोरी के मामलों में अपराधी आपकी निजी पहचान का दुरुपयोग कर विभिन्न आपराधिक गतिविधियाँ अंजाम देते हैं।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड की सुरक्षा के लिए नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें, नियमित रूप से खातों की निगरानी करें, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करें और केवल सुरक्षित वेबसाइटों से ही लेन-देन करें। किसी भी परिस्थिति में कार्ड गुम होने या धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत संबंधित बैंक को सूचित करें।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम जैसे नए साइबर अपराधों पर भी प्रकाश डालते हुए अधिकारी ने बताया कि इन मामलों में ठग झूठे आरोप लगाकर लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। ऐसी किसी भी स्थिति में घबराएं नहीं, आरोपों की जांच करें और कभी भी गोपनीय जानकारी साझा न करें।
सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि भले ही सोशल मीडिया से जुड़ाव कई फायदे लाता है, लेकिन गोपनीयता का उल्लंघन, साइबर बुलीइंग और गलत जानकारी जैसे खतरे भी इससे जुड़े हैं। ऐसे में दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (2FA) चालू रखें, व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें और अनजान लिंक या संदेशों पर क्लिक न करें।
सभी नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि किसी भी साइबर अपराध की सूचना तत्काल राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें या cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। साइबर सुरक्षा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए नागरिक जिला सूचना विज्ञान केंद्र, पौड़ी गढ़वाल की आधिकारिक वेबसाइट https://pauri.nic.in/notice/cyber-security-awareness-2/ पर विज़िट कर सकते हैं।

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