पिथौरागढ़ : उत्तराखंड में कई झीलें हैं। नैनीताल और भीमताल में भी बड़ी-बड़ी झीलें हैं। भीमताल को अब तक कुमाऊं की सबसे बड़ी झील माना जाता है। लेकिन, अब कुमाऊं मंडल में इससे भी बड़ी झील बनने जा रही है। ये बड़ी झील पर्यटन के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा। यह लोगों के रोजगार का जरिया भी बनेगी। सिंचाई विभाग झील का सर्वे भी पूरा कर चुका है। सर्वे रिपोर्ट आयने की बाद झील का निर्माण भी शुरू हो सकता है।
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में स्थित देवलथल क्षेत्र के मेलापानी में कुमाऊं की सबसे बड़ी झील बनने जा रही है। इस कृत्रिम झील की लंबाई दो किलोमीटर होगी। इस झील को सिंचाई विभाग बनाएगा। बता दें कि झील के सर्वे का काम भी पूरा हो गया है। इस झील के बनने के बाद पिथौरागढ़ को एक और नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन की सौगात मिलेगी। नैनीताल को झीलों की नगरी या सरोवर नगरी के रूप में जाना जाता है। नैनी झील, भीमताल, सड़ियाताल, खुर्पाताल, नौकुचियाताल, सातताल, हरीशताल जैसी कई झीलें हैं। सबसे बड़ी झील भीमताल है।
पिथौरागढ़ जिले के मेलापानी में करीब दो किमी लंबी कृत्रिम झील बनेगी। जिसके बाद ये लंबाई के हिसाब से कुमाऊं की सबसे बड़ी झील के साथ ही जिले की सबसे बड़ी कृत्रिम झील होगी। झील के सर्वे का काम हो चुका है और सर्वे रिपोर्ट आने के बाद इसकी डीपीआर बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। बता दें कि मेलापानी मुनस्यारी मार्ग पर पड़ता है। ये जगह प्राकृतिक रूप से बेहद ही खूबसूरत जगह है। यहां की सुंदरता आपको कुछ क्षण यहां पर बिताने के लिए जरूर मजबूर कर देगी। मेलापानी पिथौरागढ़ शहर से 22 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। पिथौरागढ़ से मेलापानी 45 मिनट में पहुंचा जा सकता है।