सुअरों और बंदरों के आंतक से खेतीबाड़ी चौपट

by intelliberindia

गोपेश्वर/पोखरी (चमोली)। चमोली जिले में सुअरों तथा बंदरों के आंतक से खेतीबाड़ी को भारी नुकसान पहुंच रहा है। इसके चलते लोगों की फसल चौपट्ट होने से 6 माह की हाडतोड़ मेहनत पर पानी फिरता जा रहा है।

जनपद में जंगली जानवर लगातार खेती को बर्वाद करते जा रहे है। इससे लोगों की हाडतोड़ मेहनत चंद घंटों में ही बर्वाद होती जा रही है। इस तरह के हालातों के चलते लोगों का खेती से मोह भंग होता जा रहा है। दशोली ब्लॉक की बंड पट्टी के सल्ला-रैतोली गांव में जंगली सुअरों धान की फसल को बर्वाद कर रख दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत सिंह नेगी ने बताया कि जंगली सुअर ने सल्ला गांव में लहलहाती धान की फसलों को बर्वाद कर रख दिया है। बताया कि ग्रामीणों की आजीविका खेती पर ही निर्भर है किंतु जंगली सुअर धान की फसल को रौंद गए है। इससे काश्तकारों में हताशा और निराशा घर करने लगी है। इसी तरह के हालात अन्य गांवों में भी काश्तकारों ने बर्वाद हुई फसल का सर्वे कर मुआवजे की मांग की है।

पोखरी। पोखरी ब्लॉक में भी जंगली सुअरों, भालुओं तथा लंगूरों ने फसलों को तबाह कर दिया है। मौजूदा समय में जंगली जानवरों द्वारा धान, मंडुवा, झंगोरा, कौणी, मक्का, चौलाई, दाल, गहत, आलू, ककड़ी, लौंकी समेत तमाम फसलों को भारी नुकसान पहुंचा दिया है। सुअर, बंदर तथा  लंगूर झुंड में आकर फसलों को तहस नहस कर गए है। इस तरह के हालातों के चलते काश्तकार मायूस हो चले है। काश्तकार बलराम नेगी, शिवराज सिंह राणा, हर्षवर्धन चौहान, गजेन्द्र नेगी, देवेन्द्र सिंह नेगी, गोपाल रमोला, माहेश्वरी नेगी समेत तमाम ग्रामीणों ने वन विभाग तथा प्रशासन से क्षतिग्रस्त फसलों का मौका मुआयना कर मुआवजा दिए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि जंगली जानवरों के आंतक से निजात दिलाने के लिए सोलर फेंसिंग, खेत प्रहरी, रात्री निगरानी दल की व्यवस्था की जानी चाहिए। वन विभाग को भी समय-समय पर गश्त लगाकर फसलों की सुरक्षा को कदम बढ़ाने चाहिए।

Related Posts