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जयहरीखाल : भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में उद्यमिता पर एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आर्थिक प्रबंधन और बहीखाता पद्धति के महत्व पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरुण कुमार ने छात्रों को उद्यमिता के लिए वित्तीय प्रबंधन और बहीखाता पद्धति के बारे में जानकारी दी।
महाविद्यालय के नोडल इंचार्ज डॉ. विक्रम सिंह ने वरुण कुमार का परिचय कराया और उनके व्याख्यान की शुरुआत की। वरुण कुमार ने “उद्यमियों के लिए बहीखाता पद्धति का महत्व” विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने छात्रों को लेन-देन की रिकॉर्डिंग, आय-व्यय का प्रबंधन, और वित्तीय स्वास्थ्य पर नज़र रखने के महत्व के बारे में समझाया। उन्होंने बताया कि बिल, लेन-देन, लाभ, व्यय और परिसंपत्तियों के मूल्यह्रास को स्पष्ट रूप से दर्ज करना चाहिए, क्योंकि ये रिकॉर्ड सरकारी वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मददगार होते हैं।
वरुण कुमार ने खाता चक्र के फ्लो चार्ट के माध्यम से लेन-देन की पहचान, जर्नल में रिकॉर्डिंग, पोस्टिंग, असमायोजित परीक्षण शेष, कार्यपत्रक, समायोजित जर्नल प्रविष्टियाँ, वित्तीय विवरण तैयार करना और बहीखाता बंद करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय नियंत्रण, निर्णय लेना, अनुपालन और वित्तपोषण बहीखाता पद्धति के प्रमुख तत्व हैं। इसके अलावा, वरुण कुमार ने मैनुअल और डिजिटल विधियों के माध्यम से बहीखाता पद्धति को लागू करने के तरीके सुझाए। उन्होंने छात्रों को अपने उद्यम शुरू करने के लिए बुककीपिंग की आवश्यकता पर जोर दिया और लेन-देन की समीक्षा करने के महत्व को समझाया।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर राजवंशी ने इस कार्यक्रम में उपस्थित नव उद्यमियों के उत्साह की सराहना की और विभिन्न उद्यमों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। कार्यक्रम के अंत में, डॉ. विक्रम सिंह ने वरुण कुमार का आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि छात्रों को इस कार्यक्रम से अत्यधिक लाभ मिलेगा। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. डी.एस. चौहान, डॉ. एस.ए. अनसारी, विमल कुमार, आर.के. सिंह, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजीव रजवार, रूप सिंह और साजन आदि उपस्थित रहे।