देहरादून/हल्द्वानी। ऑनलाइन ट्रेडिंग और आईपीओ में निवेश का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले दो साइबर अपराधियों को उत्तराखंड एसटीएफ साइबर थाना कुमाऊं पुलिस ने राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी संतोष कुमार मीणा और नीरज कुमार मीणा सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन चलाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे।
कैसे करते थे ठगी?
अभियुक्त सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आकर्षक निवेश योजनाओं के फर्जी विज्ञापन डालते थे। विज्ञापन देखकर जो लोग इनके झांसे में आ जाते, उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर भरोसा दिलाया जाता कि वे ऑनलाइन ट्रेडिंग और आईपीओ में निवेश करके बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। जब पीड़ित इनकी बातों में आकर पैसे निवेश करते, तो ये ठग धीरे-धीरे रकम ऐंठते रहते और फिर अचानक ग्रुप को डिलीट कर फरार हो जाते।
90 लाख की ठगी, बैंक खाते में 75 लाख का लेन-देन
अब तक की जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपियों ने 90 लाख रुपये की साइबर ठगी की है। उनके यूको बैंक खातों में बीते पांच महीनों में लगभग 75 लाख रुपये का संदिग्ध लेन-देन भी पाया गया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 9 सिम कार्ड, 4 चेक बुक, 2 डेबिट कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद किए हैं।
देशभर में दर्ज हैं कई मामले
जांच में यह भी पता चला है कि इन दोनों आरोपियों के बैंक खातों के खिलाफ देश के कई राज्यों में कुल 6 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हैं। पुलिस अन्य राज्यों की एजेंसियों के साथ भी संपर्क में है, ताकि इनके पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
एसटीएफ की अपील – सतर्क रहें, ठगी से बचें
उत्तराखंड एसटीएफ ने आम जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर दिखने वाले फर्जी निवेश ऑफर्स, ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कीम और अनजान ऑनलाइन जॉब ऑफर्स से सतर्क रहें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन को दें।
साइबर ठगी से बचने के लिए रखें ये सावधानियां:
- अनजान निवेश योजनाओं में बिना जांचे-परखे पैसे न लगाएं।
- सोशल मीडिया पर दिखने वाले ज्यादा मुनाफे वाले ऑफर्स से बचें।
- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अपनी निजी जानकारी किसी से साझा न करें।
- यदि साइबर ठगी का शिकार हो जाएं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।