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देहरादून : पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड दीपम सेठ की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में नये अपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु न्याय प्रक्रिया की आवश्यकताओं के अन्तर्गत मशीन, उपकरण एवं संयत्रों की आवश्यकता एवं आंकलन के सम्बन्ध में गोष्ठी आयोजित की गयी, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित अभियोजन, न्याय विभाग, एफएसएल एवं कारागार विभाग के अधिकारियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।
पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ द्वारा नये आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विभिन्न विभागों- न्याय, पुलिस, सीआईडी, एफएसएल, एसटीएफ/साइबर क्राइम, अभियोजन, कारागार, आदि की विभागवार आवश्यकताओं की जानकारी ली गई। तत्पश्चात विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श कर दिशा-निर्देश निर्गत किये गये –
- नये आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विभिन्न विभागों द्वारा प्रेषित मशीन, उपकरण एवं अन्य संयत्रों की कीमतों में एकरूपता हो और एक औचित्यपूर्ण प्रस्ताव तैयार किया जाए।
- मशीन, उपकरण एवं अन्य संयत्रों की मांग 3 लेयर मुख्यालय, जिला व फील्ड स्तर पर बनायी जाए।
- आमजन की वीडियो क्रांफ्रेसिंग के माध्यम से साक्ष्य (गवाही) हेतु उच्च न्यायालय द्वारा प्रदत्त दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर अधिसूचित स्थानों का चिहनीकरण कर लिया जाये तथा साक्ष्य हेतु एक एसओपी भी तैयार की जाए।
- सीमावर्ती राज्यों से भी उनके द्वारा क्रय किये जा रहे उपकरणों के सम्बन्ध में जानकारी कर ली जाए, जिससे नए उन्नत तकनीकी उपकरण प्रस्ताव में सम्मिलित किये जा सकें।
- आम जन को नये आपराधिक कानूनों के सम्बन्ध में जागरुक करने हेतु वृहद स्तर पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाये।
गोष्ठी में अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी / निदेशक सतर्कता वी मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन / अभिसूचना एवं सुरक्षा एपी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक पी एण्ड एम / मुख्यालय विम्मी सचदेवा, पुलिस महानिरीक्षक सतर्कता विमला गुंज्याल, अपर सचिव न्याय रजनी शुक्ला, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना कृष्ण कुमार वीके, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे, पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक अनंत शंकर ताकवाले, पुलिस महानिरीक्षक सुरक्षा राजीव स्वरूप, संयुक्त निदेशक एफएसएल डॉ. सन्दीप कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक अभियोजन खीम सिंह राणा, उप महानिरीक्षक कारागार धती राम सहित अन्य अधिकारी गण मौजूद रहे।