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- जल निगम के चार कर्मचारी उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करके पटल से मिले गायब,सभी का जबाव तलब।
- उद्योग विभाग के महाप्रबंधक सहित तीन कार्मिक एवं खादी ग्रामोद्योग के एक कार्मिक मिले नदारद। स्पष्टीकरण तलब।
बागेश्वर : जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने शनिवार को विभागों का ताबड़तोड़ औचक निरीक्षण किया। डीएम को अचानक देखकर अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करके अपने पटल से गायब होने वाले एवं अनुपस्थित कार्मिकों के जबाव तलब किए गए। डीएम ने सीएमओ कार्यालय सहित होम्योपैथी, आयुर्वेद, उद्योग, ग्रामोद्योग और जल निगम के कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालयों के परिसर एवं कक्षों में गन्देगी मिली साथ ही पुराने एवं खराब सामाग्रियों को व्यवस्थित रूप से नही रखा गया और न ही निष्प्रयोज्य सामाग्रियों की नीलामी एवं पुरानी खराब पत्रवालियों की नियमानुसार विनिष्टिकरण की कार्रवाई की गई। कार्यालयों में मिली अव्यवस्थाओं एवं खामियों को लेकर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी तथा कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत दी।
शनिवार को जिलाधिकारी जैसे ही मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां अधिकारियों व कर्मचारियों में हडकंप मच गया। कार्यालय परिसर एवं अनुभागों में लगे गंदगी के अंबार व खराब सामाग्रियों एवं पत्रावलियों के इधर-उधर बिखरे होने से जिलाधिकारी ने रोष व्यक्त किया। उन्होंने अधिकारियों का फटकार लगाते हुए तत्काल सभी व्यवस्थाओं को दुरूस्त रखने के निर्देश दिए। परिसर में खड़े निष्प्रयोज्य वाहनों की शीघ्र नियमानुसार नीलामी करने को कहा। आलमारियों में रखी पत्रावलियों का रख-रखाव उचित तरीके से न होने पर रोष व्यक्त करते हुए पत्रावलियों का रखरखाव उचित तरीके से करने के कड़े निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने टीकाकरण एवं दवाईयों की उपलब्धता की जानकारी लेते हुए बरामदे में रखे दवाईयों के बॉक्सों को औषधि भंडार में रखने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने आकांक्षी विकासखंड कपकोट के लिए निर्धारित सूचकांक के तहत कार्य करने के निर्देश देते हुए सभी पैरामीटरों को ए श्रेणी में लाने की कड़ी हिदायत दी।
इसके उपरांत जिलधिकारी ने आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक विभाग का औचक निरीक्षण किया। आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक विभाग के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थिति पंजिका को देखा।तथा आयुर्वेद एवं होम्योपैथी की औषधि की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। बायोमैट्रिक मशीन चालू करने के निर्देश देते हुए सभी पत्रावलियों का रखरखाव उचित ढंग से करने को कहा। इसके बाद जिलाधिकारी ने उद्योग विभाग का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक उद्योग सहित तीन कर्मचारी अनुपस्थित मिले। शैलेंद्र सिंह,मनोज सिंह व हरिचरण सिंह अनुपस्थित पाए गए। जिस पर जिलाधिकारी ने सख्त रूख अपनाते हुए अनुपस्थित सभी कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।
वहीं ग्रामोद्योग विभाग के औचक निरीक्षण में प्रधान सहायक दिनेश चंद्र कार्यालय से नदारद मिले जिलाधिकारी ने संबंधित कार्मिक का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। जल निगम कार्यालय के निरीक्षण के दौरान प्रधान सहायक कैलाश सिंह राणा, प्रशासनिक अधिकारी जयशंकर सिंह राणा व वरिष्ठ सहायक नरेंद्र सिंह धामी व ईश्वरसिंह राणा उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करने के बाद अपने पटल से गायब मिले। जिलाधिकारी ने कड़े निर्देश देते हुए सभी कार्मिकों के स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि जूनियर सीविल इंजीनियर के लिए कोई उपस्थिति पंजिका नही है और न ही भ्रमण रजिस्टर बनाया गया है। जिलाधिकारी ने सिविल इंजीनियर के भ्रमण एवं उपस्थित पंजिका बनाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सभी कार्यालयों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। तथा अग्निशमन उपकरणों को क्रियायशील रखने सहित सीसीटीवी कैमरों की परस्पर रिकॉर्डिंग करने के निर्देश दिए। कार्यालय पत्रावलियों का रख-रखाव बेहतर तरीके से करने के साथ ही आलमारियों के अंदर रखी पत्रावलियों एवं फाइलों की सूची आलमारी के बाहर चस्पा करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यालयों में जो सामग्री निष्प्रयोज्य हो गयी है उनका समय पर नियमानुसार विनिष्टिकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि कर्मचारियों की सर्विस बुक के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण पत्रावलियों को हमेशा अपडेट रखना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने समस्त कार्मिकों को निर्देश देते हुए शासकीय कार्यो को समयबद्धता व तत्परता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही कार्यों के प्रति उदासीनता और लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की हिदायत दी।
इस दौरान सीएमओ डॉ. कुमार आदित्य तिवारी, एसीएमओ डॉ. अनुपमा ह्यांकी, जिला होम्योपैथीक अधिकारी डॉ बेला महर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।