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- जिलाधिकारी सविन बंसल ने की डेंगू पर प्रहार की क़वायद शुरू
- घर-घर सर्वेक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग के कसे पेंच, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
- घर-घर सर्वेक्षण न किए जाने की, की जा सकेगी शिकायत
- शिकायत के लिए नगर निगम और आपदा कंट्रोल रूम के नंबर जारी, लैंडलाइन नंबर 0135 2652571, मोबाइल नंबर 9084677355, 9259412340
- फॉगिंग और दवा के छिड़काव की ज़िम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को भी दी
- फॉगिंग और दवा छिड़काव की मशीनें स्वास्थ्य विभाग को भी उपलब्ध कराने के निर्देश, फंड्स उपलब्ध कराने की ज़िम्मेदारी डीएम ने स्वयं ली
- नगर निगम उपलब्ध कराएगा स्वास्थ्य विभाग को फ़ॉगिंग और दवा छिड़काव मशीनें
- नगर निगम ऋषिकेश में भी फॉगिंग और छिड़काव मशीनों की कमी पर जताई नाराज़गी, संख्या तत्काल दोगुनी करने के निर्देश
- डेंगू से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या एवं शिकायत तथा चिकित्सकीय परामर्श के लिए टोल फ्री नंबर 18001802525 पर संपर्क किया जा सकता है।
- इतने वर्षों बाद भी अपना ब्लड बैंक न होने पर बिफरे ज़िलाधिकारी
- अपने कोरोनेशन का अपना ब्लड बैंक तत्काल ग्राउंड पर लाने के दिये निर्देश
- ब्लड बैंक के लिए ज़मीन और फंड्स उपलब्ध कराने की स्वयं ली ज़िम्मेदारी
- एसडीएम सदर, ज़िला समाज कल्याण अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी को संयुक्त सर्वेक्षण कर भूमि और फंड्स की उपलब्धता सहित ब्लड बैंक व्यवहार्यता परीक्षण कर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
- ज़िलाधिकारी ने कड़े शब्दों में हिदायत दी, कमरों के भीतर मीटिंग और कॉर्डिनेशन से नहीं चलेगा काम, सरकारी मशीनरी को फील्ड पर उतारने के दिये कड़े निर्देश
देहरादून : जिलाधिकारी सविन बसंल ने देर सायं ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में डेंगू नियंत्रण की समीक्षा बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि डेंगू की रोकथाम हेतु प्रभावी सर्विलांस करने तथा कार्याें की मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने दवा एवं फॉगिंग की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को देते हुए फॉगिंग और दवा छिड़काव की मशीने स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। नगर निगम ऋषिकेश के अधिकारियों ने फॉगिंग मशीन की कमी बताई जिस पर जिलाधिकारी ने मशीनें दोगुनी करने के निर्देेश देते हुए कहा कि इस कार्य में धन की कोई कमी नही होने दी जाएगी। नगर निगम ऋषिकेश को मशीने बढाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय का ब्लड बैंक न होने पर हैरानगी जाहीर करते हुए अधिकारियों को जिला चिकित्सालय का अपना ब्लड बैंक धरातल पर लाने की तत्काल कवायद शुरू करने के निर्देश दिए। चिकित्यालय का अपना ब्लड बैंक होने से मरीजों का इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। उन्होंने उप जिलाधिकारी सदर, ज़िला समाज कल्याण अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी को संयुक्त सर्वेक्षण कर भूमि और फंड्स की उपलब्धता सहित ब्लड बैंक व्यवहार्यता परीक्षण कर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के दिए निर्देश।
जिलाधिकारी ने कड़े शब्दों में हिदायत दी कि कमरों के भीतर बैठक और समन्वय करने से काम नहीं चलेगा बल्कि सरकारी मशीनरी को फील्ड में उतारना होगा तथा अधिकारियों को मॉनिटरिंग के साथ ही स्वयं एवं अपने-अपने अधीनस्थ कार्मिकों के कार्याें का मूल्यांकन करना आवश्यक है।