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नैनीताल: नैनीताल SSP ने हल्द्वानी में सभी इंस्पेक्टर और दरोगाओं को अपने कक्ष में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। इस प्रक्रिया को आदेश कक्ष कहा जाता है। इस दौरान दरोगा सुनील जोशी ने आदेश कक्ष का अनुपालन नहीं किया, जिसके चलते उनको SSP प्रह्लाद नारायण मीणा ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई उन अधिकारियों के लिए चेतावनी है, जो जांच में कोताही बरतते हैं।
SSP के सख्त निर्देश
- सभी विवेचकों से उन्हें आवंटित विवेचनाओं से जुड़े सभी लीगल पहलुओं तथा विवेचना की अध्यावधिक स्थिति ज्ञात की गई।
- पंजीकृत मामले में निष्पक्ष विवेचना करें। आरोपी प्राइवेट हो या किसी सरकारी विभाग से, सभी के लिए समान दृष्टिकोण रखा जाय।
- आदेश कक्ष में अनुपस्थित रहने पर उपनिरीक्षक सुशील जोशी को निलंबित किया गया।
- विवेचनाओं में वांछित चल रहे अभियुक्तों की तलाश/गिरफ्तारी करने हेतु टीमें गठित कर धरपकड़ की जाय।
- क्वालिटी विवेचना में फोकस करें, जिससे आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलना सुनिश्चित हो सके।
- धोखाधड़ी वाले मामलों में कोई भी कोताइ न बरतें, खाता संबंधी मामलों में संलिप्तता होने पर वेरीफाई करने वाले बैंकों के खिलाफ भी कार्यवाही करें।
- क्रॉस एफआईआर वाले प्रकरण में घटनाक्रमानुसार न्यायालय में रिपोर्ट प्रेषित करें।
- सभी विवेचकों द्वारा विवेचना में लिखे गई केस डायरी की अद्यतन स्थिति ज्ञात की गई।
- विवेचना में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें, अन्यथा संबंधित विवेचक की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
- सड़क दुर्घटना की घटनाओं में घटनास्थल में मौके पर वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी की कार्यवाही अवश्य की जाय ताकि विवेचनात्मक कार्यवाही में प्रभाविकता बड़े।
- आईटी एक्ट से संबंधित मामलों में डिजिटल/इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संकलित कर विवेचना का सफल निस्तारण करें।
- नाबालिक और मृत्यु कारित के मामलों में तत्काल प्राथमिकी दर्ज किया जाय। संवेदनशील होकर कार्यवाही करें।
आदेश कक्ष में नितिन लोहनी सीओ हल्द्वानी, उमेश कुमार मलिक प्रभारी निरीक्षक हल्द्वानी, दिनेश सिंह फर्त्याल प्रभारी निरीक्षक लालकुआं, डीआर वर्मा प्रभारी निरीक्षक भवाली, नीरज भाकुनी थानाध्यक्ष बनभूलपुरा, पंकज जोशी थानाध्यक्ष मुखानी समेत हल्द्वानी कोतवाली के विवेचक मौजूद रहे।