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देहरादून। शुक्रवार को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं यूनाईटेड नैशन्स वौमेन (UN Women) के सहयोग से उत्तराखण्ड राज्य में जेंडर संबंधित मुद्दो का समाधान करने के लिये व सभी योजनाओ को जेंडर के परिपेक्ष्य में लागू किये जाने हेतु 16 व 17 मई 2024 को प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मंथन सभागार, वन विभाग, राजपुर रोड, देहरादून में किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य समस्त विभागों को अपनी योजनाओं एवं कार्यक्रमों में एक जेंडर सैल का गठन करते हुए जेंडर बजटिंग को प्रोत्साहित करने एवं जेंडर संवेदनशीन प्लानिंग और बजट तैयारी की प्रक्रियाओं के माध्यम से पर्याप्त बजटीय प्राविधान सुनिश्चित करने के लिये महत्वपूर्ण उपकरण के रूप मे अपनाया जाना है।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग जेंडर बजटिंग से जुडी गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु नोडल विभाग होने तथा निदेशक, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग राज्य स्तर पर नोडल ऑफिसर – जेंडर बजटिंग होने के दृष्टिगत उपयुक्त लक्ष्यो की प्राप्ति हेतु राज्य सरकार के सभी विभागों मे न्यूनतम 04 सदस्यीय जेंडर बजट सैल, जिसमें कम से कम एक महिला अधिकारी का होना अनिवार्य है, का गठन महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी पहल हेतु नामित नोडल विभाग महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में जेंडर रिस्पोंसिव बजटिंग (GRB) एवं प्लानिंग पर प्रत्येक विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं में वर्तमान स्टेटस पर विस्तृत चर्चा कर आगामी प्लान ऑफ एक्शन तैयार किया गया। जिसमें उत्तराखण्ड राज्य के 57 विभाग यथा वित्त, ग्राम्य विकास, स्वास्थ्य, पंचायती राज, पर्यटन, प्रथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, भाषा, गृह, परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, आयुष, शहरी विकास, आपदा प्रबन्धन, खेल, लोक निर्माण विभाग, उरेडा, स्वजल, खाद्य, पशु पालन, मतस्य, उद्यान इत्यादि के निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी/विभागीय बजट प्रभारियों के द्वारा प्रतिभाग कर अपने अपने विभागों के जेंडर बजट की रूप रेखा प्रस्तुत की गयी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम मे जेंडर रिस्पोंसिव बजटिंग, प्लानिंग, व प्र्रत्येक विभाग में गठित होने वाली जेंडर सेल एवं जेंडर बजट स्टेटमेंट की मार्ग दर्शिका के संबंध में जानकारी प्रदान की गयी। राज्य में जेंडर बजटिंग पर प्रचलित जेंडर रिस्पोंसिव बजटिंग स्टेटस, जो कि वर्तमान में 16.29 प्रतिशत है, में प्रगति लाने व अगले वित्तीय वर्ष से पूर्व प्रगति एवं लक्ष्यों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को आगामी 03 चरणों में भी किया जाना है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में 16 मई 2024 को 30 विभागों एवं 17 मई 2024 को 27 विभाग के प्रतिनिधियो द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में प्रशांत आर्य, निदेशक/अपर सचिव, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड, जो कि राज्य स्तर पर नोडल ऑफिसर – जेडर बजटिंग भी हैं, के द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य का विकास सभी विभागों के द्वारा आपसी सामजस्य से विभिन्न स्तरो पर कई प्रयासों एवं विकास कार्यों से होता है, इसीलिये जेडर रिस्पोसिव बजटिंग एवं प्लानिंग हेतु भी सभी विभागों के द्वारा समग्र प्रयास किये जाने आवश्यक हैं, जिससे कि जेडर बजटिंग की उपयोगिता समाज की उस सीमांत महिला तक भी पहुच सके, जिसकी वह हकदार है। इसीलिये सभी विभागों के द्वारा सामूहिक भागीदारी आवश्यक है। मनोज पंत, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नियोजन विभाग, के द्वारा जेंडर बजटिंग को सतत् विकास लक्ष्यों (एस0डी0जी0लक्ष्य) के साथ जोडे जाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, जिससे कि जेंडर बजटिंग के लक्ष्यों को भी चरणबद्ध तरीके से निर्धारित समय में प्राप्त किया जा सके।
आरती बलोदी, राज्य नोडल अधिकारी, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड के द्वारा जेंडर बजट के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि राज्य में इसकी शुरूआत वर्ष 2007-08 से की गयी थी। महिलाओ के सर्वांगीण विकास के लिये प्रत्येक विभाग की योजनाओं में बजट प्राविधान से पूर्व जेंडर रिस्पोंसिव बजटिंग एवं प्लानिंग पर जोर दिया जाना बहुत ही आवश्यक बताया गया। इसलिये सभी विभागों मे 04 सदस्यीय जेंण्डर सैल, जिसमें 01 महिला अधिकारी भी सम्मिलित हो, के गठन के महत्व को भी समझाया गया। उनके द्वारा महिलाओं की आवश्यकताओं पर आधारित जेंडर बजटिंग को राज्य के विकास हेतु महत्वपूर्ण बताया गया। उमेश शुक्ला, वरिष्ठ शोध अधिकारी, बजट डिविजन, वित्त विभाग, उत्तराखण्ड के द्वारा जेंडर एवं संबंधित अवधारणाओ एवं जेंडर बजटिंग की पद्धतियों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
यूनाइटेड नैशन्स वुमैन के प्रतिनिधि शशि प्रभा एवं आतिफ जंग के द्वारा जेंडर बजटिंग स्टेटमेंट, जेंडर स्टेटिक्स एवं जेंडर डिसएग्रीगेटेड डाटा, जेंडर बजट सैल एवं जेंडर बजट योजना के विभिन्न महत्वपूर्ण तकनीकी पक्षों के संबंध में प्रतिभागियों को सत्र प्रदान कर चर्चा की गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभाग के अन्य अधिकारी अंजना गुप्ता, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, तरूणा चमोला, बाल विकास परियोजना अधिकारी, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, रवि मेलवान, उद्यमिता विकास अधिकारी, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग आदि उपस्थित रहे।