शिमला : हिमाचल के राजनीतिक तूफान का कनेक्शन उत्तराखंड से जुड़ गया है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा के खिलाफ शिमला में मुकदमा दर्ज किया गया है। हिमाचल कांग्रेस के बागी विधायकों के साथ ही निर्दलीय विधायक भी हैं।हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर छाया राजनीतिक संकट नया रूप लेने लगा है। कांग्रेस के दो विधायकों भुवनेश्वर गौड़ व संजय अवस्थी ने निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा व अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस के विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा के विरुद्ध प्राथमिकी करवा दी। राकेश शर्मा उत्तराखंड के मुख्य सचिव रह चुके हैं।
इस बीच कांग्रेस ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों के सुझाव पर समन्वय समिति का गठन कर दिया है, जिसमें मुख्यमंत्री सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर व राम लाल ठाकुर को शामिल किया गया है। अयोग्य घोषित छह विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ 12 मार्च को सुनवाई करेगी।
हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा व कांग्रेस के अयोग्य घोषित विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा सहित अन्य के विरुद्ध बालूगंज थाना में मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी व विधायक भुवनेश्वर गौड़ की शिकायत पर प्राथमिकी की गई है। जल्द ही इस मामले में इन्हें पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार चुनावी अपराध को लेकर रिश्वत लेने, आपराधिक षड्यंत्र रचने, और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराएं भी जोड़ी गई है। आरोप लगाया गया है कि भाजपा विधायकों के साथ मिलकर इन्होंने षड्यंत्र रचा। राज्य के बाहर से हेलीकाप्टर आए व सुरक्षा के लिए भी बाहर से सुरक्षाकर्मी पहुंचे। शिकायत में राकेश पर राज्यसभा चुनाव में वोट की एवज में करोड़ों रुपये के लेन-देन का आरोप है।
एसपी शिमला ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, राकेश शर्मा ने कहा कि यह सब राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास है। मैं किसी दबाव में आने वाला नहीं। इस तरह की कई एफआइआर सेवाकाल में देखी हैं।