हरिद्वार : मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष दत्त की अध्यक्षता में बुधवार को कन्या भ्रूण हत्या, भ्रूण लिंग जांच रोकने और अधिनियम की जागरूकता को लेकर तहसील हरिद्वार के समस्त अल्ट्रासाउंड केंद्रों के चिकित्सकों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पीसीपीएनडीटी की धाराओं का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी गयी । कार्यशाला में मौजूद सभी चिकित्सकों को सीएमओ द्वारा प्रसव पूर्व लिंग जांच नहीं करने की शपथ की याद भी दिलाई। सिडकुल के एक होटल में आयोजित कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके सिंह द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से अधिनियम की धाराओं एवं नियमों का किस प्रकार से पालन किया जाना है के सम्बंध में विस्तरित चर्चा की गई । कार्यशाला का संचालन जिला समन्वयक रवि सन्दल द्वारा किया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके सिंह द्वारा अधिनियम की धारा 29 एवं नियम 9 के अनुसार किस प्रकार अभिलेखों का रखरखाव जैसे फॉर्म एफ, नवीनीकरण सम्बंधी न्यूनतम आहर्ताएं ,नियम 13 के अनुसार केन्द्र में किये गए किसी भी प्रकार के परिवर्तन को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को सूचित करने को कहा गया । उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार रेडियोलॉजिस्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञ को केन्द्र परिवर्तन की सूचना प्रेषित कर, भौतिक सत्यापन के उपरांत अनुमति लेना भी जरूरी है और नियम का उलंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि भ्रूण लिंग जांच रोकने हेतु जनपद में गतिमान मुखबिर योजना के तहत सूचना देने एवं सहयोगी को एक लाख रुपये का इनाम भी जिलाधिकारी द्वारा अनुमोदित किया गया है। चिकित्सकों के सम्मुख आने वाली समस्याओं का सरल तरीके से निदान किये जाने की बात भी कही गयी। आईएमए अध्यक्ष डॉ. विकास दीक्षित द्वारा सीएमओ को आईएए की ओर से पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
कार्यशाला में जिला सलाहकार समिति के डॉ. सन्दीप निगम, डॉ. यशपाल तोमर, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मनु शिवपुरी, कनिका शर्मा, राकेश चंद्रा को सम्मानित किया गया तथा इसके अलावा अधिनियम के अंतर्गत रिकार्ड रखरखाव के लिए नगर के तीन अस्पतालों को भी सम्मानित किया गया । इस अवसर पर डॉ. विपिन प्रेमी, डॉ. रविन्द्र गोयल, डॉ. मनोज सिंह, डॉ. तरुण गुप्ता ,डॉ. जसप्रीत सिंह, डॉ. तिष्टा कुकरेती शाह, डॉ. सुजाता प्रधान, डॉ. अदिति गुप्ता ,डॉ. शोभित चन्द्रा के अलावा अन्य गणमान्य चिकित्सक उपस्थित थे।