उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने लैंसडौन का नाम बदलने का किया विरोध

by intelliberindia
कोटद्वार : उविपा ने किया लैंसडौन का नाम बदलने का विरोध। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने लैंसडौन का नाम बदलने का विरोध किया। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि जब पिछले परिसीमन में लैंसडौन विधानसभा खत्म हो गई थी , तब लैंसडौन की ऐतिहासिक महत्ता देखते हुए लैंसडाउन शहर को इसमें जोड़कर लैंसडौन विधानसभा का नाम जिंदा रखा गया। और इस बात में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भाजपा के सभी बड़े छोटे नेताओं की एकमत में यही राय थी कि लैंसडौन का नाम ना बदला जाए।
गढ़वाल रेजीमेंट के रेजिमेंटल सेंटर लैंसडौन के वीरों  ने प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध की लड़ाईयों में पूरे विश्व में अपने नाम की धाक जमाई और इसी वजह से गढ़वाल रेजीमेंट को रॉयल गढ़वाल रेजीमेंट का खिताब प्राप्त हुआ था और स- सम्मान रॉयल रोप भी प्रदान की गई थी जो कि आज भी गढ़वाल राइफल्स के हर सैनिक के कंधे पर आप देख सकते हैं। आज जब हम एक पर्यटन प्रदेश होने की दौड़ में लंगड़ा रहे हैं , उस समय पूरी दुनिया में जाने जाने वाला नाम लैंसडौन बदल कर हम पर्यटन को कितना नुकसान पहुँचा रहे हैं इसका अंदाजा नकली भक्तों को नहीं है । लैंसडौन जाने की वह अंग्रेजों की बनाई गई सड़क की चौड़ाई एक फुट आज तक ना बढ़ाई जा सकी और नाम बढ़ाने के लिए चल दिए । करोड़ों रुपयों की भैरवगढ़ी पपिंग योजना के बावजूद लैंसडाउन के निवासियों को पीने का पानी उपलब्ध ना करवा पाए और नाम बदलने  के लिए चल दिए।
 लैंसडौन के निवासियों की वर्तमान जमीन की समस्या को हल नहीं कर पाए । आज भी पांच पांच पीढ़ियों से लोग उन्हीं  घरों में रह रहे हैं जबकि घर के सदस्यों की संख्या कई गुना बढ़ गई है,  मगर यह हैं कि रक्षा राज्य मंत्री उत्तराखण्ड का होने के बावजूद विस्तारीकरण की अनुमति देने को तैयार नहीं। तो जब उत्तराखण्ड का  सांसद देश का रक्षा राज्य मंत्री है और वही उत्तराखण्ड राज्य के निवासियों की छोटी-छोटी समस्या दूर नहीं कर पा रहा है , तो वह कौन सा डबल इंजन है जिसकी दुहाई भाजपा वाले हमेशा देते रहते हैं,  और क्या फायदा है उस डबल इंजन का जब हमारे प्रदेश का सांसद  खुद उस विभाग का मंत्री होते हुए हमारी छोटी-छोटी सामाजिक समस्याएं दूर नहीं कर रहा है।

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