रुड़की : डिपार्टमेंट ऑफ़ फिजिक्स एंड सेण्टर फॉर फ्लेक्सिबल एंड स्मार्ट एनर्जी डिवाइसेज़ , भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) और पेरोव्स्काइट सोसाइटी ऑफ इंडिया ने संयुक्त रूप से “पेरोव्स्काइट सोसाइटी ऑफ इंडिया मीट (पीएसआईएम) 2023” पर 1 मार्च 2023 से 3 मार्च 2023 तक आईआईटी रुड़की के ओ.पी. जैन ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। यह मीट आईआईटी रुड़की के 175वें साल के उत्सव के दौरान हो रही है। पेरोव्स्काइट सामग्री आधारित प्रौद्योगिकी सौर ऊर्जा क्षेत्र में अगला महत्वपूर्ण अनुक्षेत्र है। यह सम्मेलन सबसे बड़ा सौर ऊर्जा सम्मेलन है जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में, मुख्य रूप से पेरोवस्काइट सौर सेल क्षेत्र में, बातचीत और प्रगति को प्रोत्साहित करने, और हम अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में कैसे आत्मनिर्भर बन सकते हैं, इसके लिए एक मंच प्रदान करना है। यह आयोजन सामग्री, उपकरण और फोटोफिजिक्स सहित पेरोव्स्काइट अनुसंधान में तीन प्रमुख शोध विषयों को शामिल करता है। सम्मेलन का उद्देश्य अगली पीढ़ी को “ऊर्जा वैज्ञानिक और इंजीनियर” बनाना और युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को एक मंच पर लाना है।
पेरोव्स्काइट सोसाइटी ऑफ इंडिया का उद्देश्य “ऊर्जा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों” की अगली पीढ़ी बनाने और युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को एक मंच पर जोड़ने के लिए पेरोव्स्काइट और क्षमता निर्माण पर अनुसंधान जागरूकता को बढ़ावा देना है। सोसाइटी के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक इस क्षेत्र में पेरोव्स्काइट अनुसंधान के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और नीति अनुसंधान को बढ़ाना होगा। इसके अलावा, ऊर्जा क्षेत्र, ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों, रक्षा क्षेत्र, अंतरिक्ष अनुप्रयोगों, सेंसर विकास, बायोमेडिकल क्षेत्र से लेकर अनुप्रयोगों के साथ सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग में पेरोव्स्काइट ” नेक्स्ट बिग थिंग” के रूप में उभरा है।
इस सम्मेलन में भाग लेने वाले सौर ऊर्जा सामग्री और उपकरणों पर शिक्षा और उद्योग से 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रोफेसर सौमित्र सतपथी, भौतिकी विभाग, आईआईटी रुड़की, इस आयोजन के संयोजक थे, और प्रो. के के पंत, निदेशक, आईआईटी रुड़की, और प्रोफेसर जी डी वर्मा, प्रमुख, भौतिकी विभाग, आईआईटी रुड़की, सम्मेलन के संरक्षक और अध्यक्ष रहे। प्रोफेसर नारायण प्रसाद पाधी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी रुड़की और निदेशक एमएनआईटी जयपुर, गेस्ट ऑफ़ ऑनर रहे । मीट में मुख्य अतिथि पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड थे। इस कार्यक्रम में मंत्रालय के कई प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
मुख्य वक्ताओं में शामिल रहे प्रोफेसर प्रशांत वी कामत, रसायन विज्ञान और जैव रसायन विभाग, नोट्रे डेम विश्वविद्यालय, यूएसए; प्रोफेसर सिल्विया कोलेला, सीएनआर नैनोटेक, इटली; प्रोफेसर उस्मान बक्र, मटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग, कौस्ट, सऊदी अरब; प्रोफेसर प्रिया महादेवन, एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज, कोलकाता; प्रोफेसर नारायण प्रधान, स्कूल ऑफ़ मटेरियल साइंसेज, आईएसीएस, कोलकाता; प्रोफेसर दिनेश काबरा, आईआईटी बॉम्बे; प्रोफेसर सुशोभन अवस्थी, आईआईएससी बैंगलोर; प्रोफेसर समीर सपरा, आईआईटीडी; प्रो. डॉ. जनार्दन कुंडू, आईआईएसईआर तिरुपति; प्रोफेसर अंगशुमन नाग, आईआईएसईआर पुणे; डॉ ईश्वरमूर्ति रामासामी, एआरसीआई; पंकज यादव, पीडीईयू; प्रोफेसर सुप्रवत करक, आईआईटी दिल्ली; प्रोफेसर शैबल सरकार, आईआईटी बॉम्बे, डॉ. गणपति वीरप्पन, वैज्ञानिक, एआरसीआई; प्रोफेसर रंजनी विश्वनाथ, जेएनसीएएसआर; प्रो प्रसून मंडल, आईआईएसईआर कोलकाता; प्रोफेसर सायन भट्टाचार्य, आईआईएसईआर कोलकाता; डॉ. ईश्वरमूर्ति, एआरसीआई, प्रोफेसर अरिजीत कुमार डे, आईआईएसईआर मोहाली; प्रोफेसर शहाब अहमद, आईआईटी जोधपुर; प्रोफेसर विनोद ई माधवन, एनआईटी कालीकट; प्रोफेसर रूपक बनर्जी, आईआईटी गांधीनगर; प्रोफेसर दीपा खुशालानी, टीआईएफआर मुंबई; प्रोफेसर के वी आदर्श, आईआईएसईआर भोपाल; प्रोफेसर प्रलय के सतरा, सीईएनएस बैंगलोर; प्रोफेसर एच एन घोष, आईएनएसटी मोहाली; प्रोफेसर गीता बालकृष्ण, जैन विश्वविद्यालय, बैंगलोर, डॉ. एस.पी. सिंह, और डॉ. गिरिबाबू, आईआईसीटी, हैदराबाद।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रोफेसर के के पंत, निदेशक, आईआईटी रुड़की ने कहा, “पेरोव्स्काइट अनुसंधान निष्कर्ष और सामग्री सौर ऊर्जा और प्रौद्योगिकी में अगली बड़ी चीज के रूप में उभरी है, जिसके अनुप्रयोगों में ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक उपकरण, रक्षा क्षेत्र, अंतरिक्ष अनुप्रयोग, सेंसर विकास, और बायोमेडिकल क्षेत्र शामिल हैं। और इस सम्मलेन का उद्देश्य अगली पीढ़ी को “ऊर्जा वैज्ञानिक और इंजीनियर” बनाने और नवोदित इंजीनियरों को एक मंच पर जोड़ना है । यह आत्मनिर्भर भारत में ऊर्जा स्वतंत्र बनने के लिए एक रोडमैप प्रदान करेगा।” प्रो. सौमित्र सतपथी, संयोजक, पीएसआईएम 2023 ने कहा, “इस बैठक का उद्देश्य इस विषय पर मुख्य रूप से देश के भीतर फोटोवोल्टिक के विभिन्न पहलुओं पर काम करने वाले विशेषज्ञों को एक साथ लाना है। यह सम्मेलन ज्ञान के आदान-प्रदान, और नवीनतम अकादमिक और उद्योग परिणाम और सौर ऊर्जा प्रवृत्तियों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेगा।“
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड, ने कहा, “आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी तेज़ गति से आगे बढ़ रहे हैं, और यह इससे लाभ अर्जित करने का उपयुक्त समय है। आज यहां उपस्थित सभी पुरस्कार विजेता सौर ऊर्जा क्षमताओं में प्रगति को संभव बनाते हैं। पेरोव्स्काइट सोसाइटी ऑफ इंडिया और आईआईटी रुड़की का मंथन पेरोसाइट सोलर सेलों का उपयोग कर देश की ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं में सुधार करेगा। यह अमृत काल में भारत को आगे ले जाएगा और उत्तराखंड राज्य को आत्मनिर्भर बनाएगा।”