अयोध्या : नेपाल की काली गंडकी नदी से लाई गई दो विशाल शिलाएं रामलला की मूर्ति के लिए आज गुरुवार को समर्पित कर दी गईं। ये शिलाखंड बुधवार को शाम ही नेपाल से रामसेवकपुरम पहुंचा दिए गए थे। आज इन्हें विधि-विधान पूर्वक नेपाल स्थित जनकपुर के जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास और नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री विमलेंद्र निधि ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय को भेंट किए। इससे पूर्व 51 वैदिक आचार्यों ने शिला विधिपूर्वक से पूजन किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने नेपाल और अयोध्या के प्राचीन संबंधों को नया तेवर एवं कलेवर प्रदान करने वाला बताया। जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास ने दूल्हा- दुल्हन सरकार की जय का जयकारा लगाकर अयोध्या और नेपाल के त्रेता युग के संबंधों को पुनर्जीवित किया। इस मौके पर नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री ने बताया कि पहले वह जनकपुर से जुड़ी श्रीराम की विरासत के अनुरूप रामलला के लिए धनुष भेंट करना चाहते थे, किंतु राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ दो वर्ष तक चले संवाद के बाद यह तय हुआ कि नेपाल की गंडकी नदी से रामलला की मूर्ति के लिए पवित्र शिला अर्पित की जाए और आज यह शिला समर्पित करते हुए हमें अपार हर्ष हो रहा है। चंपतराय ने शिला समर्पित करने के लिए जनकपुर मंदिर, नेपाल सरकार और वहां के लोगों के प्रति आभार ज्ञापित किया।