नई दिल्ली : संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वे के मुताबिक, दिसंबर 2022 में भारत बिक्री के मामले में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है। सर्वे के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का व्यापार इतना बड़ा होने वाला है कि साल 2023 तक 5 करोड़ प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रोजगार भी लोगों को मिलेंगे। देश का मूड इस समय ग्रीन एनर्जी की तरफ है, जिसको भरने के लिए कई बड़ी वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां व कई सारी स्टार्टअप कंपनियां इस सेक्टर में आगे बढ़ रही हैं।
पहले सड़कों पर निकलते ही ईवी का नामोनिशान नहीं मिलता था, लेकिन अगर अब आप सड़क पर निकलेंगे तो एक-दो ईवी आप दिख सकती हैं। आर्थिक सर्वे के अनुसार, आने वाले समय में ईवी का क्रेज इतना ज्यादा बढ़ जाएगा कि अब बाहर निकलते हैं आसानी से इलेक्ट्रिक व्हीकल दिखाई देने लगेंगी। जनवरी में हुए ऑटो-एक्सपो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में देश कितना तरक्की कर रहा है, क्योंकि ऑटो एक्सपो में इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या अधिक देखी गई थी। वहीं ढेर सारे मैन्युफैक्चर्स ने अपनी अपकमिंग कॉन्सेप्ट ईवी का अनावरण भी किया था। आने वाले समय में अधिकतर ऑटो प्लेयर्स प्योर इलेक्ट्रिक होने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। इस समय देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की जो कीमत है, वह ईंधन से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में अधिक है। क्योंकि बैटरी की जो कॉस्ट है वह गाड़ी के कुल कीमत की लगभग 50 फीसद हिस्सा है। आने वाले समय में बैटरी की कीमत कम होने के आसार हैं।