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हरिद्वार। जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में बुधवार को निराश्रित/बेसहारा गोवंश को आश्रय उपलब्ध कराने, आश्रय स्थल पर उनके भरण-पोषण की व्यवस्था, बीमारी से बचाव हेतु टीकाकरण आदि के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश शर्मा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अवगत कराया कि जनपद में मान्यता प्राप्त पांच गौशालायें-गौशाला सभा रूड़की चाव मण्डी, श्री कृष्णायन देशी रक्षा गौशाला गैण्डीखाता भारतीय ग्राम्य विकास एवं गौ रक्षार्थ न्यास ग्राम झीवरहेड़ी, श्री गोपीनाथ जी गौशाला समिति कालूबांस, शिमला देवी गौ सेवा धाम ट्रस्ट रामगढ़ी प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि निराश्रित पशुओं की चिकित्सा सचल पशु चिकित्सालय वाहन के माध्यम से भी की जाती है तथा पशु पालन विभाग द्वारा निराश्रित पशुओं हेतु एमएमडी, एलएसडी रोगों के विरूद्ध टीकाकरण भी किया जाता है।
जिलाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि जितनी भी ये गौशालायें हैं, उनमें गौवंश को रखने की कितनी क्षमता इस सम्बन्ध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। बैठक में बीएचईएल स्थित काजी हाउस के सम्बन्ध में चर्चा करते हुये जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे इस सम्बन्ध में बीएचईएल के अधिकारियों से बीतचीत करें। रूड़की के काजी हाउस का जिक्र आने पर जिलाधिकारी ने कहा कि उसे खाली कराया जाये। बैठक में मृत पशुओं को उठाने की व्यवस्था, आवारा पशुओं को बन्द करना, दुधारू पशुओं की नीलामी, पशुओं की सींग पर रिफ्लेक्टर लगाना आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। बैठक में ऐसे पशुओं-घोड़ा, खच्चर, बैल आदि पर भी चर्चा हुई, जिनका इस्तेमाल मण्डी क्षेत्र में बोझा ढोने आदि के लिये किया जाता है। इस पर जिलाधिकारी ने सचिव मण्डी को ऐसे पशुओं की टेगिंग कराने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पीएल शाह, एमएनए दयानन्द सरस्वती, डीएफओ मयंक शेखर झा, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, प्रमोद गोयल, वीना, विभिन्न गौशालाओं के प्रतिनिधि सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।