48
रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने 175वें स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में स्टार्टअप एक्सपो 2022 का आयोजन किया। आईआईटी रुड़की ने उद्यमिता का उत्साहवर्धक इकोसिस्टम विकसित किया है जिसमें विद्यार्थी और फैकल्टी के सदस्यों द्वारा स्टार्ट-अप के विकास के साथ-साथ संस्थान के बाहर के लोग भी अपने स्टार्टअप के इनक्यूबेशन में मदद प्राप्त कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि आईआईटी रुड़की के इनोवेशन इकोसिस्टम से अब तक 125 से अधिक स्टार्टअप सहायता प्राप्त कर चुके हैं। स्टार्टअप एक्सपो के दौरान 50 स्टार्टअप ने अपने प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी प्रस्तुत किए जो मुख्य रूप से एआई-एमएल, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, स्वास्थ्य विज्ञान, कृषि, पर्यावरण, ऊर्जा क्षेत्र और ई-कॉमर्स जैसे तेजी से उभरते क्षेत्रों के लिए हैं। आयोजन की परिकल्पना मुख्य रूप से रक्षा पर आधारित है। इसका उद्देश्य स्टार्ट-अप के संस्थापकों और विभिन्न भागीदारों के बीच संवाद को बढ़ावा देकर उद्यमिता का उत्साहवर्धक परिवेश बनाना था। आयोजन में आईआईटी रुड़की के छात्र, फैकल्टी के सदस्य, स्टार्टअप्स और उद्योग जगत के 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। संस्थान के 175 साल पूरे होने के अवसर पर जारी स्मारक डाक टिकटों और सिक्कों के स्टॉल में भी स्टार्टअप एक्सपो देखने आए लोगों की खासी दिलचस्पी देखी गई।
आयोजन का उद्घाटन डॉ. कैलाश कुमार पाठक, निदेशक, डीएफटीएम डीआरडीओ, कर्नल वीरभद्र सिंह रावत, रक्षा समन्वयक, उत्तराखंड सरकार और शंभु शर्मा, संचालन प्रमुख, ओपटेल ने किया। इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई। इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप का पुरस्कार विभिन्न डोमेन के 4 स्टार्टअप्स को दिया गया। विजेताओं के नाम हैं – इंडीजेनस एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, साइफर, बैलिस स्मार्ट डिवाइसेज़ और सुपर गुड नैनो प्रा. लिमिटेड।
स्टार्टअप एक्सपो 2022 में शामिल कुछ मुख्य प्रतिभागी स्टार्टअप
- रैवेनआई जीयोस्पेशियल टेक लिमिटेड: आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं ने टीआईडीईएस, आईआईटी रुड़की (भारत सरकार का स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम) के तहत एक नई कंपनी रैवेनआई जीयोस्पेशियल टेक लिमिटेड का गठन किया। इसका लक्ष्य भारत के जीयोस्पेशियल मार्केट में विदेशी कंपनियों क दबदबा कम करते हुए भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। कंपनी के ड्रोन की मदद से किसान कम खर्च कर फसल पर एक समान रसायनों का छिड़काव कर सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप उनके समय और लागत दोनों की बचत होगी।
- डीटाउन रोबोटिक्स प्रा. लि.: यह उत्तराखंड (भारत) आधारित डीप टेक स्टार्टअप है। कंपनी रक्षा और कृषि कर्म में उपयोगी मानव रहित हवाई / जमीनी सॉल्यूशंस के डिजाइन और विकास कार्य में लगी है। यह स्टार्टअप कस्टमाइज्ड रोबोटिक्स और ड्रोन सॉल्यूशंस का विकास करती है, जिनमें हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और एनालिटिक्स सॉल्यूशंस शामिल हैं। ये 24/7 देश सेवा करते लोगों को सेवा देने के दृढ़ विश्वास से काम करते हैं।
- इंडी एनर्जी: इंडी एनर्जी आईआईटी रुड़की का एनर्जी स्टोरेज़ स्टार्टअप है। यह सोडियम-आयन बैटरी, सॉलिड-स्टेट बैटरी आदि एनर्जी स्टोरेज टेक्नोलॉजी के विकास में वर्षों का अनुभवी है। यह स्टार्टअप सोडियम आयन (एनए-आयन) बैटरी और इसके कंटेंट की टेक्नोलॉजी का विकास और व्यावसायीकरण करता है। यह भारत की पहली कंपनी है जिसने जैव-कचरे/कृषि कचरे से प्राप्त व्यावसायिक हार्ड कार्बन (पेटेंट तकनीक) में उच्चतम प्रदर्शन करने वाला (स्वदेशी) सोडियम-आयन पाउच सेल सफलतापूर्वक विकसित किया हैै।
- पेरोवस्काइट इनोवेशंस प्रा. लिमिटेड: यह स्टार्टअप पेरोवस्काइट मटीरियल्स आधारित नेक्स्ट जेन एक्स-रे डिटेक्टरों का विकास करता है जो एक्स-रे इमेजिंग में उपयोगी हैं। यह ऊर्जा सक्षम भवन निर्माण के लिए बिल्ंिडग के फैब्रिक में पारदर्शी पेरोवस्काइट सोलर फोटोवोल्टिक पैनलों का समावेश करता है। साथ ही, बिल्डिंग इंटीग्रेटेड फोटोवोल्टिक्स (बीआईपीवी) उपयोगों के लिए एक अर्ध-पारदर्शी पेरोवस्काइट पैनल भी विकसित करता है।
- पावरजेस्ट एनर्जी सॉल्यूशंस प्रा. लिमिटेड: पावरजेस्ट एनर्जी सॉल्यूशंस अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट और संबंधित कार्यों में संलग्न है। कंपनी गांवों और शहरों के लिए अभूतपूर्व डिजाइन के माइक्रो-विंड टर्बाइन भी बनाती है, जिसमें मुख्य रूप से चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाता है।
इस अवसर एक अन्य सत्र नए स्टार्टअप के आइडिया प्रस्तुत करने का था। ऐसे तीन आइडियाज़ जगदीश नेदुरी, चौधरी मोहम्मद तारिक और गजानन गिट्टे ने प्रस्तुत किए और वे जूरी के सदस्यों की दिलचस्पी जीतने में सफल रहे। पाहुल सिंह साहनी और कुणाल शाह ने दो सबसे संभावनापूर्ण आइडिया पेश किए और उन्हें आईआईटीआर के टिंकरिंग लैब में प्री-इनक्यूबेशन की मदद दी गई। देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए हाई टेक और डीप-टेक टेक्नोलॉजीज़ पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें आत्मनिर्भर भारत बनाने की प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकियों को वैश्विक स्तर पर ले जाने पर जोर दिया गया था।
स्टार्टअप एक्सपो में मौजूद पहले जेनरेशन के उद्यमी और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. बी वी मोहन रेड्डी ने प्रतिभागी स्टार्टअप्स के सभी संस्थापकों को बिलियन डॉलर उद्यमी बनने की अपनी यात्रा साझा कर प्रेरित किया। उन्होंने प्रोडक्ट/सेवाएं दमदार हो जाने के बाद स्टार्टअप्स को विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एक मीडिया वार्ता में उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की में ऐसी विभिन्न नीतियां हैं जिनके तहत फैकल्टी के सदस्य ऐसे स्टार्टअप्स के गैर-कार्यकारी निदेशक बन सकते हैं और अपने ज्ञान और बुद्धिमानी का लाभ दे सकते हैं।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें संस्थान की 175वीं वर्षगांठ समारोह की बधाई दी। उन्होंने सन् 1847-2022 का घटनाक्रम याद किया जिसके तहत नए दौर का आईआईटी रुड़की बना। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्टार्ट-अप को मेक-इन-इंडिया पहल के लिए काम करना चाहिए और गुणवत्ता के वैश्विक मानकों पर खरा प्रोडक्ट और सेवाएं पेश करनी चाहिए। सस्टेनेबिलिटी के तीन मंत्र हैं – सटीक, स्थानीय और सर्वसुलभ होना। ‘‘हम युवा पीढ़ी के विद्यार्थियों और फैकल्टी के सदस्यों को हमारे स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और इनोवेशन के प्रयास करते रहेंगे और हमारे लिए देश के मूल्य सदैव सर्वोपरि रहेंगे।’’ उन्होंने कहा कि एक्सपो 2022 मुख्य रूप से रक्षा पर केंद्रित है और आईआईटीआर ने अगला एक्सपो स्वास्थ्य पर केंद्रित करने की योजना बनाई है।
डीएफटीएम, डीआरडीओ के निदेशक डॉ. कैलाश कुमार पाठक ने कहा कि आज देश के लिए महत्वपूर्ण और भविष्य के लिए तैयार रक्षा प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है। यह स्टार्टअप एक्सपो इसे पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे बेहतर संभावनाएं और अवसर सामने आएंगे। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए हमें एक सशक्त विनिर्माण क्षेत्र चाहिए जिसके लिए परिचालन क्षमताओं को बढ़ाना होगा।
प्रायोजित शोध एवं औद्योगिकी परामर्श के डीन प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने कहा कि इस एक्सपो का उद्देश्य स्टार्टअप इकोसिस्टम को इस तरह विकसित करना है कि हम अधिक से अधिक स्टार्टअप को आईआईटी रुड़की में इनक्यूबेट करने में सक्षम हों और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में योगदान दें। आइडिया को साकार करने, उन्हें उपयोगी बना कर व्यावसायिक रूप देने का समय आ गया है और आईआईटीआर इसमें अपनी सक्षम भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे खुशी है कि इस अवसर पर आईआईटी रुड़की से जुड़े उद्योग जगत के भागीदार, स्टार्टअप और अन्य सभी भागीदार एक संगठन के रूप में एक साथ आए हैं और देश को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में अधिक उत्साह से काम करेंगे।
आईहब दिव्यसंपर्क के सीईओ श्री मनीष आनंद ने कहा कि यह एक्सपो इनोवेटर्स के इनोवेशन के व्यावसायीकरण का बड़ा अवसर है। ऐसे एक्सपो इनोवेटरों को एकजुट होने और मेक इन इंडिया का सपना पूरा करने के लिए जरूरी स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने की दिशा में काम करने का अवसर देते हैं। आईआईटी रुड़की के टीआईडीईएस बिजनेस इनक्यूबेटर के सीईओ श्री आजम अली खान ने स्टार्टअप एक्सपो 2022 पर अपने विचार साझा करते हुए इसे युवा और महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए अहम बताया क्योंकि इसमें वे टेक्नोलॉजी और विचार प्रदर्शित करते हैं।
इनोवेशन एवं इन्क्यूबेशन के एसोसिएट डीन प्रो. रजत अग्रवाल और कॉर्पाेरेट संबंध के एसोसिएट डीन प्रो. साई रामुडु मेका ने कहा कि यह स्टार्टअप एक्सपो स्टार्टअप कल्चर बनाने, पोषित करने और बढ़ावा देने का सही परिवेश तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो अभिनव राष्ट्र निर्माण में योगदान देगा। यह आयोजन प्रतिभागियों के लिए सीखने, ज्ञान साझा करने और नेटवर्किंग का अविश्वसनीय अवसर है और इससे स्टार्टअप एक्सपो के प्रतिभागियों को अच्छी पहचान मिलेगी। स्टार्टअप एक्सपो 2022 का सफलतापूर्वक आयोजन करने वाली टीम में डॉ. मिनी नामदेव, डॉ. आशा रानी, डॉ. सुषमा सनसम, श्री विशाल तिवारी, डॉ. मुमताज शाह, डॉ. प्रियंका शर्मा, कुमारी हिमानी कैथ, श्री धर्मवीर सिंह, कुमारी ललिता सिंह, कुमारी दीक्षा राही, कुमारी इशिता मोंगिया, कुमारी कोल्लती रेणुका, कुमारी शिंजिनी मिश्रा, श्रीमती चावा जाह्नवी, श्री पीयूष पाण्डेय, तथा ई-सेल और टेकसारथी टीम के विद्यार्थी शामिल हैं।