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रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की का 175वां स्थापना दिवस समारोह 25 नवंबर 2022 को मनाया गया। इसमें मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की गरिमामय उपस्थिति देखी गई। इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथि भारत सरकार में डाक विभाग के सचिव विनीत पांडे ने भी समारोह की शोभा बढ़ाई। आईआईटी रुड़की द्वारा 175 वर्ष का गौरवशाली इतिहास रचने पर संस्थान को बधाई देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘आईआईटी रुड़की अनुसंधान में सबसे आगे है और देश और क्षेत्र के विकास में योगदान देता रहा है। मैं इस सुप्रतिष्ठित संस्थान को बधाई देता हूं। संस्थान शिक्षा में उत्कृष्टता का वैश्विक स्तर प्राप्त करने और अपने इनोवेटिव रिसर्च से सस्टेनेबल और समतापूर्ण समाज बनाने में प्रयासरत रहा है। मुझे विश्वास है कि आईआईटी रुड़की सदैव राष्ट्र सेवा में समर्पित रहेगा और भारत के लिए विश्व गुरु की योग्यता और पहचान सुनिश्चित करेगा।’’
भारतीय प्रद्यौगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी) के 175 वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर आईआईटी रुड़की के खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बतौर मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत करते हुए कहा कि वैश्विक चुनौतियों से पार पाने व देश में इनोवेशन, विज्ञान, नवाचार, प्रद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय प्रद्यौगिकी संस्थान रुड़की की अहम भूमिका निभा रहा है। आईआईटी रुड़की के 175 वें स्थापना दिवस पर लोक सभा अध्यक्ष द्वारा स्मरणीय डाक टिकट व सिक्के जारी किये गये।
शुक्रवार को आईआईटी रुड़की के 175 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान देवभूमि के रुप में है इसके साथ-साथ आईआईटी रुड़की से प्रदेश का और अधिक महत्व बड़ा है। उन्होने कहा कि देश की तरक्की, नवनिर्माण व विकास में आईआईटी के छात्रों अभूतपूर्व योगदान रहा है परिणामस्वरुप देश व विदेश की समस्याओं के समाधान में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होने कहा कि संस्थान के शिक्षा प्राप्त कर देश -विदेश में अपनी सेवायें देने वाले छात्रों का कार्यक्रम में उपस्थित होना उनका संस्थान के प्रति आदर को दर्शाता है। उन्होने कहा कि भारतीय प्रद्योगिकी संस्थान ने वैश्विक स्तर के संस्थानों के समकक्ष खड़ा होकर ऐसे देश-दुनिया को ऐसे छात्र दिये है जिन्होने विगत 20 वर्षो में 70 हजार से अधिक स्टार्टअप के माध्यम से देश की आर्थिकी को मजबूत करने का कार्य किया है। उन्होने कहा कि आजादी के 100 वर्ष पूरा होने तक देश को विकसित बनाने के लिए संस्थान से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की भूमिका अहम रहेगी। कहा कि संस्थान से निखरकर निकलने वाले छात्र रक्षा, उद्योग सहित अन्य टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में स्टार्टअप के माध्यम से अभूतपूर्व योगदान दे रहे है। उन्होने तकनिकी संस्थानों में शोध, नवाचार, टैक्नोलॉजी को बढ़ावा देकर देश के विकास को गति प्रदान करने कार्य करने की प्रेरणा दी।
शुक्रवार को आईआईटी रुड़की के 175 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान देवभूमि के रुप में है इसके साथ-साथ आईआईटी रुड़की से प्रदेश का और अधिक महत्व बड़ा है। उन्होने कहा कि देश की तरक्की, नवनिर्माण व विकास में आईआईटी के छात्रों अभूतपूर्व योगदान रहा है परिणामस्वरुप देश व विदेश की समस्याओं के समाधान में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होने कहा कि संस्थान के शिक्षा प्राप्त कर देश -विदेश में अपनी सेवायें देने वाले छात्रों का कार्यक्रम में उपस्थित होना उनका संस्थान के प्रति आदर को दर्शाता है। उन्होने कहा कि भारतीय प्रद्योगिकी संस्थान ने वैश्विक स्तर के संस्थानों के समकक्ष खड़ा होकर ऐसे देश-दुनिया को ऐसे छात्र दिये है जिन्होने विगत 20 वर्षो में 70 हजार से अधिक स्टार्टअप के माध्यम से देश की आर्थिकी को मजबूत करने का कार्य किया है। उन्होने कहा कि आजादी के 100 वर्ष पूरा होने तक देश को विकसित बनाने के लिए संस्थान से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की भूमिका अहम रहेगी। कहा कि संस्थान से निखरकर निकलने वाले छात्र रक्षा, उद्योग सहित अन्य टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में स्टार्टअप के माध्यम से अभूतपूर्व योगदान दे रहे है। उन्होने तकनिकी संस्थानों में शोध, नवाचार, टैक्नोलॉजी को बढ़ावा देकर देश के विकास को गति प्रदान करने कार्य करने की प्रेरणा दी।
175वें स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ हुआ और इस अवसर पर प्रो. बी.वी.आर. मोहन रेड्डी, चेयरमैन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईटी रुड़की और प्रो. के.के. पंत, निदेशक, आईआईटी रुड़की ने स्थापना दिवस के ऐतिहासिक पहलुओं पर अपने विचार रखे। स्मारक डाक टिकट जारी करने के अवसर पर उपस्थित लोगों को अपने संबोधन में भारत सरकार के डाक विभाग के सचिव श्री विनीत पांडे ने कहा, “आईआईटी रुड़की प्रौद्योगिकी शिक्षा और समाज के विकास में योगदान देने वाला सुप्रतिष्ठित संस्थान है। मैं संस्थान के 175वें स्थापना दिवस समारोह पर बधाई देता हूं। संस्थान के सफर में इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकट जारी करना मेरे लिए सम्मान की बात है। आईआईटी रुड़की निरंतर अनुसंधान और विकास में उत्कृष्टता का केंद्र बना रहे इसके लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं उसके साथ है।’’
आईआईटी रुड़की में उद्यमी बनने की सशक्त संस्कृति है। संस्थान के कई पूर्व छात्रों के प्रौद्योगिकी और सामाजिक उद्यम भारत और विदेशों में सफल हैं। ये पूर्व छात्र आईआईटी रुड़की की उत्कृष्टता की विरासत को आगे ले जा रहे हैं और विशेष कर इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में योगदान देकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ब्रिटिश साम्राज्य के पहले इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में 1847 से संस्थान का यह सफर शुरू हुआ। इंजीनियरिंग शिक्षा, अनुसंधान और विकास (आर एंड डी), सामाजिक प्रभाव के योगदान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में कई अग्रणी पहलों के साथ यह सिलसिला तेजी से आगे बढ़ा है।
आईआईटी रुड़की का निरंतर यही प्रयास रहा है कि उच्च कोटि की प्रौद्योगिकी शिक्षा प्रदान करे और समाज के विकास में योगदान दे। आईआईटी रुड़की के 175वें स्थापना दिवस समारोह का एक मुख्य आकर्षण स्टार्टअप एक्सपो 2022 था, जिसमें संस्थान के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम से सहयोग प्राप्त लगभग 130 स्टार्ट-अप शामिल थे। इनमें लगभग 50 स्टार्ट-अप्स ने उत्तराखंड क्षेत्र के 100 से अधिक उद्योगों के समक्ष अपने प्रोडक्ट/प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया जो मुख्य रूप से रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हेल्थकेयर और इलेक्ट्रिक वाहन सहित संबद्ध डोमेन से जुड़े हैं।
आईआईटी रुड़की द्वारा उत्कृष्टता के 175 वर्ष पूरे करने पर बधाई देते हुए आईआईटी रुड़की के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष प्रो. बी.वी.आर. मोहन रेड्डी ने कहा, “आईआईटी रुड़की वैश्विक स्तर पर समकक्ष संस्थानों के बीच बेहतरीन पहचान बना रहा है जो देख कर मुझे खुशी होती है। मैं संस्थान के सफर में इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए उसे और सभी भागीदारों के अथक प्रयास के लिए बधाई देता हूं। आईआईटी रुड़की में उद्यमी बनने की सशक्त संस्कृति देख कर खुश हूं और मुझे विश्वास है कि संस्थान उत्कृष्टता की अपनी विरासत आगे ले जाने के लिए निरंतर इनोवेशन करता रहेगा।’’
कार्यक्रम में बोलते हुए प्रो. के.के. पंत, निदेशक, आईआईटी रुड़की ने कहा, “आईआईटी रुड़की पिछले 175 वर्षों से देश की सेवा में लगा है। इसने गौरवशाली इतिहास रचा है। संस्थान का उद्देश्य उच्च शिक्षा के नए दौर का नेतृत्व करना और बेसिक एवं एप्लाइड रिसर्च में अधिक से अधिक योगदान देना है जिसके परिणामस्वरूप समाज के विभिन्न वर्गों के लिए लाभदायक उत्पाद, इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्रक्रियाएं और सामग्रियां विकसित होती हैं। हमारा संस्थान अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी होने के साथ-साथ पूरे समाज और राष्ट्र के हित में शिक्षा-उद्योग जगत के परस्पर संबंध को भी बढ़ावा देता है।’’
इसी सिलसिले में प्रो. पंत ने कहा, ‘‘आईआईटी रुड़की ने अंतर्राष्ट्रीय संपर्क बढ़ाते हुए वैश्विक मानचित्र पर अपनी खास पहचान बनाई है। हमारे 175वें स्थापना दिवस समारोह में आयोजित स्टार्ट-अप एक्सपो में आप देख सकते हैं कि संस्थान के स्टार्टअप इकोसिस्टम में बहुत विविधता है और आईआईटी रुड़की निरंतर इनोवेटिव आइडियाज़ और टेक्नोलॉजी के विकास में सहयोग देता है। इसके लिए युवा उद्यमियों को मेंटरिंग और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। मैं सब से अग्रणी इस संस्थान के सभी छात्रों, फैकल्टी, पूर्व छात्रों और कर्मचारियों के निरंतर विकास और सफलता की कामना करता हूं।’’
175वें स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट, सिक्का और एक कॉफी टेबल बुक का लोकर्पण भी किया गया। साथ ही, आईआईटी रुड़की के प्राचीन गौरवशाली इतिहास को दुनिया के सामने रखा गया । संस्थान के 175 वर्ष (1847-2022) पूरे होने के उपलक्ष्य में साल भर चले आयोजन में आईआईटी रुड़की ने शिक्षा, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, खेल, अनुसंधान, पूर्व छात्र और छात्र संपर्क से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम किए। आईआईटीआर/175 इनीशिएटिव के तहत संस्थान ने रुड़की के 200 किमी के दायरे के संस्थानों से संपर्क किया। उन्हें कई अहम् क्षेत्रों में अनुसंधान शुरू करने, अधिक से अधिक प्रयोगशाला बनाने और विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों से आर्थिक सहयोग जुटाने में मदद की। अप्रैल 2022 में टेकसारथी स्कीम के माध्यम से रुड़की के आसपास की औद्योगिक इकाइयों को सहायता दी। खेल के क्षेत्र में आईआईटी रुड़की के संस्थान खेल परिषद ने 3 अप्रैल, 2022 को हाफ मैराथन 2022 आयोजित किया। इसमें संस्थान, बीईजी, एनआईएच, सीबीआरआई और रुड़की के आसपास के चुने हुए शैक्षिक संस्थानों के 450 एथलीटों की भागीदारी देखी गई।
संस्थान के 175 वर्ष पूरे होने के शानदार अवसर पर आईआईटी रुड़की की एनएसएस यूनिट ने विकास, महिला सशक्तिकरण, सस्टेनेबलिटी और पर्यावरण सुधार के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जैसे कि सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव, रक्तदान शिविर, रन फॉर सस्टेनेबिलिटी, वृक्षारोपण अभियान, क्लॉथ एंड बुक डोनेशन ड्राइव, मॉडल गाँव, जेईई टेस्ट सीरीज़ और कक्षाओं के लिए मेरिट-बेस्ड टेस्ट, सेवा प्रदान करने वालों के बीच संपर्क और उपयोग के लिए ऐप-आधारित रुड़की सेवा पोर्टल और नजदीकी स्कूलों के छात्रों के लिए एक दिन का आईआईटी रुड़की ट्रिप आदि।
पूर्व छात्रों से संपर्क बढ़ाते हुए आईआईटी रुड़की ने देश-विदेश में पूर्व छात्रों से संपर्क के कई कार्यक्रम आयोजित किए। इस समारोह के तहत पहला कार्यक्रम 27 मार्च 2022 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर में आयोजित किया गया था। इसके बाद चार और कार्यक्रम आयोजित किए गए: 9 जून 2022 को काठमांडू, नेपाल में एल्युम्नी मीट; 17 जुलाई 2022 को कोलकाता में एल्युम्नी मीट; 9 अगस्त 2022 को अदीस अबाबा, इथियोपिया में एल्युम्नी मीट और 17 सितंबर 2022 को लंदन में एल्युम्नी मीट।
साल भर चले समारोह के बारे में प्रो. अरुण कुमार, अध्यक्ष, 175 वीं सालगिरह समारोह समिति, आईआईटी रुड़की ने कहा, “संस्थान समुदाय के विचारों के आधार पर आईआईटी रुड़की ने इस शानदार सफर का प्रदर्शन किया, विश्व समुदाय से संपर्क किया और उच्च रैंक के वैज्ञानिकों से संबंध कायम किया। संस्थान के सफर में ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में भारत सरकार के सहयोग से स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी किए गए। सभी के निरंतर सहयोग से साल भर चला यह समारोह बहुत सफल रहा।’’ संस्थान ने 1900 से पूर्व के स्नातकों में पांच दिग्गजों – लाला दीन दयाल (1866 बैच), सर गंगा राम (1873 बैच), पंडित शिव नारायण अग्निहोत्री (1868 बैच), मिर्जा मोहम्मद हादी अली ‘रुसवा’ (1876 बैच) और राजा ज्वाला प्रसाद (1900 बैच) के बड़े आकार के तैल चित्रों की एक पिक्चर गैलरी प्रदर्शित की। इस कार्यक्रम में आसमान से आईआईटी रुड़की की शानदार ड्रोन बल्ब यात्रा की प्रस्तुति भी शामिल थी, जो रुड़की शहर के हर कोने से दिखाई दे रही थी।
संस्थान का इतिहास
आईआईटी रुड़की पहले रुड़की कॉलेज के नाम से प्रसिद्ध था जिसकी स्थापना 1847 ई. में ब्रिटिश साम्राज्य के पहले इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में की गई थी। इसके कार्य प्रदर्शन और स्वतंत्र भारत की जरूरतों को देखते हुए नवंबर 1949 में इसे तत्कालीन कॉलेज से स्वतंत्र भारत के पहले इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय का उच्च दर्जा प्रदान किया गया। इसके बाद संसद में एक बिल पारित कर 21 सितंबर 2001 को विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया। इस तरह रुड़की विश्वविद्यालय को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की का वर्तमान दर्जा दिया गया।