देहरादून : उत्तराखंड की राजनीति में आज नया डेवलपमेंट देखने को मिला। राज्य के पूर्व विधायकों ने खुद का एक संगठन बनाया है। बाकायदा उसके लिए अध्यक्ष भी चुन लिए गए हैं। इससे सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। लोग सवाल कर रहे हैं, क्या उत्तराखंड की राजनीति में कुछ नया और बड़ा होने वाला है? हालांकि पूर्व विधायकों के संगठन ने अभी अपने पत्ते पूरी तरह से नहीं खोले, लेकिन बहुत जल्द सबकुछ साफ हो जाएगा। पूर्व विधायकों के संगठन में हरक सिंह रावत से लेकर कई दूसरे बड़े चेहरे भी शामिल शामिल बताए जा रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुछ ना कुछ तो उत्तराखंड की राजनीति में ऐसा होने वाला है जो आज तक कभी नहीं हुआ।
कहा यह भी जा रहा है कि विधायकों का संगठन आम जनता के मुद्दों पर मुखर होगा। लोगों के सवालों को सरकार के सामने मजबूती से रखेगा। लेकिन, सवाल यह है कि क्या भाजपा के पूर्व विधायक भी अपनी सरकार के खिलाफ खड़े होंगे ? फिलहाल इसके लिए कुछ दिनों का इंतजार करना होगा। अगर ऐसा होता है तो उत्तराखंड की राजनीति में हमेशा से ही जिस तीसरे विकल्प की बात होती रही है, क्या पूर्व विधायकों का यह संगठन उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है? या फिर केवल एक प्रेशर ग्रुप की तरह काम करेगा? ऐसी स्थिति में यह संगठन कितना कारगर और असरदार साबित होगा। यह भी देखना होगा? बहरहाल राजनीतिक गलियारों में जो चर्चाएं हैं। उनके अनुसार बहुत जल्द यह संगठन अपना पूरा एजेंडा और कार्यकारिणी भी सार्वजनिक कर देगा।