उत्तरकाशी : यमुनोत्री हाईवे अब भी बंद है। हालांकि छोटे वाहनों को किसी तरह से पास किया जा रहा है। तीर्थ यात्रियों को धाम के तक पहुंचाने के लिए शटल सेवा शुरू की गई है। रानाचट्टी में यमुनोत्री राजमार्ग पर भूधंसाव होने से बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप है। छोटे वाहनों से ही किसी तरह आवाजाही हो रही है। प्रशासन के अनुसार रानाचट्टी में जिस तरह भूधंसाव हुआ है, उसे ठीक करने में कम से कम चार-पांच दिन का समय लग सकते हैं। ऐसे में यमुनोत्री आने वाले पर्यटकों को परेशानी बढ़ गई है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पहले 19 मई की देर रात को बंद हुआ था। किसी तरह मार्ग को 25 घंटे बाद खोल गया। लेकिन शुक्रवार की सुबह रानाचट्टी के पास फिर भूधंसाव होने से मार्ग एक बार फिर से बंद हो गया ऑर अब भी बड़े वाहनों के लिए पूरी तरह से बंद है। छोटे वाहनों के लिए राजमार्ग देर शाम को 11 घंटे बाद सुचारु हो गया था, लेकिन बड़ी बसों के लिए मार्ग खुलने में अभी करीब पांच दिन का समय लग सकता है।
शुक्रवार को मार्ग अवरुद्ध रहने के दौरान डामटा से लेकर जानकीचट्टी तक 1500 से अधिक वाहनों में करीब 12 हजार से अधिक यात्री जगह-जगह फंसे रहे। DM के आदेश पर जानकीचट्टी के लिए शटल सेवा शुरू की गई है। जिसमें छोटे वाहनों के जरिये यात्री जानकी चट्टी जाएंगे और यमुनोत्री धाम का दर्शन करने के बाद बड़कोट लौटेंगे। 47 किलोमीटर का 150 रुपये किराया है।
गौरतलब है कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रानाचट्टी के पास गत बुधवार की शाम पांच बजे भूधंसाव हुआ था और मार्ग बंद हो गया था। गुरुवार की शाम मार्ग को सुचारू किया गया था। इसके बाद जानकीचट्टी खरसाली क्षेत्र में फंसे करीब पांच हजार यात्रियों को निकाला गया। लेकिन अगली सुबह सात बजे रानाचट्टी के पास उसी स्थान पर भूस्खलन हुआ, जहां बुधवार की शाम हुआ था। रानाचट्टी के पास भूधंसाव वाले क्षेत्र में सुरक्षा दीवार लगाने में समय लगेगा। जिस जगह पर मार्ग नाद हुआ है। वहां पहले से ही खतरा बना हुआ था, लेकिन उस पर पहले ध्यान नहीं दिया गया।