बड़कोट: यमुनोत्री यात्रा में सड़क बंद होने से आज श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी है। देर रात को हाई का करीब 15 मीटर हिस्सा धंस गया था, जिसके बाद से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। हालांकि, बाद में छोटे वाहनों को जाने के लिए रास्ता खोल दिया गया था। लेकिन, अब भी बड़े वाहनों का संचालन ठप है, जिसके चलते करीब 5000 हजार श्रद्धालु अब भी जानकी चट्टी और दूसरी जगहों पर फंसे हैं। लोगों ने किसी तरह बसों में रहकर ही रात गुजारी।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रानाचट्टी के पास बंद हो गया था। मार्ग को खोलने का कम बुधवार की रात से जारी है। रात को प्रशासन ने मार्ग पर सभी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद राखी। ताकी मार्ग खोलने के का कार्य तेजी से हो सके। रानाचट्टी से लेकर खरसाली तक यात्री खासे परेशान रहे। यात्रियों को बसों में ही सोना पड़ा, सबसे अधिक परेशानी यात्रियों को खरसाली में झेलनी पड़ी। वहीं यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने के कारण गुरुवार की सुबह यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम रही।
दरअसल, बुधवार रात यमुनोत्री धाम से 25 किमी पहले रानाचट्टी के पास यमुनोत्री हाईवे का 15 मीटर हिस्सा धंस गया था। यहां से केवल छोटे वाहन ही निकल पा रहे थे। वाहनों की आवाजाही ठप हो गई थी। रानाचट्टी से लेकर जानकी चट्टी के बीच से फंसे यात्रियों की संख्या 5000 से अधिक है। सबसे अधिक यात्री जानकी चट्टी में है। लेकिन जानकी चट्टी में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। जानकी चट्टी में शौचालय और पानी की सुविधा के लिए यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है।
यात्रियों ने ठंड के बीच बसों में ही किसी तरह से रात कटी है। यात्री जानकी चट्टी में महंगाई की मार भी झेल रहे हैं। जानकी चट्टी में कई होटल व्यवसायियों ने फंसे यात्रियों की मदद भी की। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि यात्रियों की मदद के लिए प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि रानाचट्टी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बड़कोट खंड की टीम हाईवे सुचारु करने में जुटी है। पहाड़ी को काटकर सड़क को चौड़ा किया जा रहा है। सड़क के ऊपरी तरफ चट्टान होने के कारण थोड़ा समय लग रहा है। बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए गुरुवार शाम तक रास्ता तैयार होने की संभावना है।